Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पहाड़ से लड़ रहे हैं तो चोट तो लगेगी ही : शरद यादव

हमें फॉलो करें पहाड़ से लड़ रहे हैं तो चोट तो लगेगी ही : शरद यादव
, बुधवार, 13 सितम्बर 2017 (15:25 IST)
नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेट (जदयू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी और राज्यसभा की अपनी सदस्यता पर मंडराते संकट पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उनकी लड़ाई पद की नहीं, सिद्धांत और संविधान बचाने की है। यादव ने बुधवार को कहा कि उन्हें राज्यसभा से सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस मिला है जिसका वे माकूल जवाब देंगे।
 
उन्होंने मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा पार्टी पर यादव गुट के दावे पर संज्ञान नहीं लेने और राज्यसभा का नोटिस मिलने के बाद अपना पक्ष रखते हुए यह बात कही। यादव ने कहा कि इन कानूनी पहलुओं को उनके वकील देख रहे हैं। वे देश की साझी विरासत पर आधारित संविधान को बचाने की बड़ी लड़ाई के लिए निकल पड़े हैं। 
 
राज्यसभा की सदस्यता जाने के खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम पहाड़ से लड़ रहे हैं तो यह सोचकर ही लड़ रहे हैं कि चोट तो लगेगी ही। राज्यसभा की सदस्यता बचाना बहुत छोटी बात है, हमारी लड़ाई साझी विरासत बचाने की है। सिद्धांत के लिए हम पहले भी संसद की सदस्यता से 2 बार इस्तीफा दे चुके हैं। 
 
यादव ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग में उन्होंने नहीं, बल्कि जदयू से निकाले गए महासचिवों ने अपना दावा पेश किया है, इसमें वे महासचिवों के साथ हैं। जदयू के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि 17 सितंबर को पार्टी कार्यकारिणी और 8 अक्टूबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद जदयू बड़े रूप में सामने आएगी।
 
अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में यादव ने कहा कि वे सिद्धांत और संविधान को बचाने की राह पर हैं और उनके विरोधी इसकी उलट राह पर हैं। उन्होंने जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे 'मुख्यमंत्री मित्र' ने खुद राजद प्रमुख लालू प्रसाद से जब महागठबंधन बनाने की पहल की थी तब भी वे भ्रष्टाचार के आरोपों से बाहर नहीं थे जबकि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अचानक शुचिता के नाम पर गठजोड़ तोड़ दिया। 
 
यादव ने कहा कि यह बिहार के 11 करोड़ मतदाताओं के साथ धोखा है। हमने सिद्धांत के आधार पर ही इसका विरोध किया। हम सिद्धांत और संविधान के साथ खड़े हैं और साझी विरासत के मंच से इसे लड़ा जाएगा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इराक में यजीदी समुदाय के लिए भारतीय-अमेरिकी समूह ने वैश्विक समर्थन मांगा