Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मंदसौर बलात्कार कांड की पीड़ित बच्ची के परिवार को फ्लैट खाली करने के लिए कहा गया

हमें फॉलो करें मंदसौर बलात्कार कांड की पीड़ित बच्ची के परिवार को फ्लैट खाली करने के लिए कहा गया
, गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019 (22:04 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में बर्बर सामूहिक बलात्कार की शिकार 8 वर्षीय बच्ची के पिता ने गुरुवार को आरोप लगाया कि इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के कर्मचारियों ने उसे यहां फ्लैट खाली करने के लिए कहा है। यह फ्लैट प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने पीड़ित बच्ची के परिवार को मदद के तौर पर मुहैया कराया था। इस बीच प्रदेश कांग्रेस समिति के एक पदाधिकारी ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीड़ित बच्ची के परिवार को मकान दिलाने का भरोसा दिया है।
 
 
पीड़ित बच्ची के पिता ने बताया कि हमें इंदौर में आईडीए की एक आवासीय योजना में करीब 200 वर्गफुट का फ्लैट दिया गया था। आईडीए के 4-5 कर्मचारी कल बुधवार को मेरे घर आए। उन्होंने हमें यह कहते हुए फ्लैट खाली करने का फरमान सुना दिया कि यह जगह हमारे नाम विधिवत आवंटित नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने हमें इंदौर के एक मंदिर परिसर में दुकान भी उपलब्ध कराई थी लेकिन इसका भी दस्तावेजी तौर पर विधिवत आवंटन नहीं किया गया था। हम चाहते हैं कि हमें फ्लैट और दुकान विधिवत आवंटित की जाए। मामले में आईडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विवेक श्रोत्रिय की प्रतिक्रिया कई प्रयासों के बाद भी नहीं मिल सकी है।
 
इस बीच प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने एक बयान में कहा कि मामले की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्णय किया है कि पीड़ित बच्ची के परिवार को मकान और दुकान का विधिवत आवंटन किया जाएगा।
 
गौरतलब है कि मंदसौर में 2 युवकों ने बच्ची को 26 जून 2018 की शाम स्कूल की छुट्टी के बाद कथित तौर पर लड्डू खिलाने का लालच देकर उस समय अगवा कर लिया था, जब वह पैदल अपने घर जा रही थी। अमानवीय दुराचार के बाद कक्षा 3 की छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर धारदार हथियार से हमला भी किया गया था। वह 27 जून 2018 की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी। पीड़ित बच्ची इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में करीब 3 महीने तक भर्ती रही थी।
 
मामले के दोनों दोषियों- इरफान उर्फ भैयू (20) एवं आसिफ (24) को अदालत ने 21 अगस्त 2018 को फांसी की सजा सुनाई थी। दोषियों द्वारा इस फैसले के खिलाफ की गई अपील फिलहाल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आठ राज्यों में ई-नाम के माध्यम से अंतरराज्यीय कृषि कारोबार की सुविधा