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जब द्रविड़ गांगुली ने वर्ल्ड कप में रचा इतिहास

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1999 का वर्ल्ड कप इंग्लैंड में खेला गया। भारतीय टीम इससे पहले इंग्लैंड में हुए विश्व 1983 की चैंपियन रह चुकी थी। भारतीय टीम से 1999 के विश्वकप में भारी उम्मीदें थी। लेकिन विश्वकप के शुरुआती दौर में भारतीय टीम की शुरूआत बेहद खराब रही, भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच गंवाया उसके बाद जिम्बाम्बे को हाथों भी भारतीय टीम को एक करीबी मैच में 3 रनों से हार का सामना करना पड़ा।







हालांकि भारत ने केन्या के विरुद्ध मैच तो जीता लेकिन यह जीत भारत के लिए विश्वकप के क्वालीफाइंग राउंड में पहुंचने के लिए काफी नहीं थी। भारत के सामने विश्वकप के दो मुकाबले श्रीलंका और इंग्लैंड के खिलाफ बचे हुए थे। इन मैचों में जीतना बेहद जरूरी था। श्रीलंका के खिलाफ इस मैच में भारत पहले बल्लेबाजी करने उतरा।

भारत की शुरूआत बेहद खराब रही और भारत ने सदगोपन रमेश के रूप में मात्र छः रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट गंवा दिया। विकेट गिरने के बाद राहुल द्रविड गांगुली का साथ देने के लिए मैदान पर पहुंचे और दोनो भारतीय पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने लगे। जैसे ही दोनों पिच पर जमे दोनों ने जमकर श्रीलंकाई गेंदबाजों की खबर लेना शुरू की। दोनों ने इस पारी में 318 रन की भारी भरकम साझेदारी कर डाली।

भारत ने 373 रन बनाते हुए श्रीलंका को इस मैच में बुरी तरह से हराया।  गांगुली ने इस मैच में 158 गेंदों पर 183 रन बना डाले और द्रविड ने इसी मैच में 145 रन की बेहतरीन पारी खेली। दोनों के द्वारा 318 रन की साझेदारी आज तक की विश्वकप की सबसे बड़ी साझेदीर है।     
 

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