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रतन टाटा ने आनंद शर्मा से कहा- तुम बेशर्म हो सकते हो, लेकिन मैं नहीं.., जानिए इस वायरल पोस्ट का सच

हमें फॉलो करें रतन टाटा ने आनंद शर्मा से कहा- तुम बेशर्म हो सकते हो, लेकिन मैं नहीं.., जानिए इस वायरल पोस्ट का सच
, गुरुवार, 28 जून 2018 (14:09 IST)
सोशल मीडिया इन दिनों रतन टाटा के गुण गा कर रही है। वजह भी तो है.. सोशल मीडिया यूजर्स को रतन टाटा की दशभक्ति दर्शाती एक खबर जो मिल गई, जो दावा करती है कि टाटा ने 26/11 मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के साथ बिजनेस करने से इनकार कर दिया था और एक कांग्रेस नेता को आइना दिखाते हुए कहा था कि ‘तुम बेशर्म हो सकते हो, लेकिन मैं नहीं..’
 
आइए जानते हैं क्या है वह वायरल मैसेज..
 
‘तुम बेशर्म हो सकते हो, लेकिन मैं नहीं – रतन टाटा’ इस कैप्शन के साथ एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा गया है-
 
26/11 हमले के बाद रतन टाटा ने भारत और विदेश में अपने होटलों की श्रृंखला के पुनर्निर्माण के लिए टेंडर जारी किए, उसके लिए कुछ पाकिस्तानी कंपनियों ने भी एप्लाई किया।
 
दो पाकिस्तानी उद्योगपति अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए बिना अपॉइंटमेंट के ही बॉम्बे हाउस (टाटा ग्रुप का हेड ऑफिस) भी आईं, क्योंकि रतन टाटा ने उनको अपॉइंटमेंट नहीं दिया।
 
उनको पहले तो काफी देर तक बॉम्बे हाउस के रिसेप्शन पर इंतजार करवाया गया, फिर उन्हें बताया गया कि रतन टाटा बहुत बिजी हैं और बिना पूर्व अपॉइंटमेंट के किसी से नहीं मिल सकते।
 
इस बात से नाराज़ दोनों उद्योगपति दिल्ली गए और अपने उच्चायुक्त के जरिये केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा से मिले। आनंद शर्मा ने टाटा को फोन लगाया और उनको दोनों पाकिस्तानी उद्योगपतियों को अपॉइंटमेंट देने और टेंडर देने का अनुरोध किया।
 
इस पर रतन टाटा ने कहा, ‘तुम बेशर्म हो सकते हो, लेकिन मैं नहीं..’ और फोन काट दिया।
 
कुछ महीने बाद पाकिस्तानी सरकार ने टाटा मोटर्स को टाटा सूमो खरीदने का ऑर्डर दिया, तो रतन टाटा ने पाकिस्तान को एक गाड़ी तक देने से मना कर दिया।
 
क्या है सच..
 
जब हमने अपनी तफतीश शुरू की तो पता चला कि ऐसा पोस्ट 2012 से शेयर किया जा रहा है, जिसे 6 साल पहले ही खारिज किया जा चुका है। लेकिन फिर भी समय-समय पर यह पोस्ट सोशल मीडिया पर आ ही जाता है।
 
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार का उच्चस्तरीय व्यापार भारत सरकार द्वारा पहले से प्रतिबंधित है। इसलिए, पाकिस्तान सरकार और टाटा समूह के बीच ऐसा कोई व्यापार प्रस्ताव संभव ही नहीं है।
 
आपको बता दें कि यह खबर सबसे पहले BharathAutos की वेबसाइट पर पोस्ट की गई थी। लेकिन हकीकत सामने आने के बाद  कंपनी ने अपनी वेबसाइट से उस पोस्ट को हटा दिया और एक माफीनामा भी जारी किया था।
 
 
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टाटा मोटर्स के ऑफिसिशयल हैंडल से 16 जुलाई, 2013 को आया ट्वीट भी इस बात का सबूत है कि वायरल मैसेज का दावा झूठा है।
 
 

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