Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने से 41 हजार करोड़ का खर्च आएगा.. जानिए सच..

हमें फॉलो करें क्या इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने से 41 हजार करोड़ का खर्च आएगा.. जानिए सच..
, गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018 (13:17 IST)
हाल ही उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया। बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने वालों को एक नया मुद्दा मिल गया और छोड़ दिया एक नया शिगूफा कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने से 41 हजार करोड़ का खर्च आएगा। एबीपी न्यूज के नाम का सहारा लेकर यह दावा किया जा रहा है, जिसे लोग सच मान बैठे और धड़ा-धड़ शेयर करने लगे।

‘ये भारत देश है मेरा’ नाम के फेसबुक पेज ने एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें एबीपी न्यूज की प्लेट यानी एबीपी न्यूज के कलर, लोगो और उसके जैसे स्टाइल को कॉपी किया है। इस पर ब्रैकिंग न्यूज के तौर पर ‘इलाहबाद का नाम प्रयागराज करने का अनुमानित खर्च 41000 करोड़’ लिखा था। इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा गया-

‘इस से ज्यादा विकास क्या कर सकते हैं, हर किताब , बस स्टैंड, स्टेशन सरकारी गैर सरकारी बोर्ड्स, होर्डिंग्स,रोड हर जगह बदलाव तो ख़र्चा करना तय है। इतिहास से नाम बदलना है तो ख़र्च तो होगा ही पर विकास नहीं’



इस पोस्ट को अब तक 7 हजार से अधिक बार शेयर किया जा चुका है।

वायरल पोस्ट का क्या है सच..

वायरल तस्वीर को देखकर एक बार तो लगा कि यह खबर एबीपी न्यूज पर चल रही है और यह तस्वीर उसी की है। लेकिन जब हमने इसे गौर से देखा तो पता चला कि यह तस्वीर फेक है। दरअसल, इस तस्वीर में इस्तेमाल किया गया फॉन्ट स्टाइल एबीपी न्यूज के फॉन्ट स्टाइल से अलग है। इसे एबीपी न्यूज के नाम पर वायरल करने की कोशिश की जा रही है।

webdunia
आपको यह भी बता दें कि एबीपी न्यूज ने ऐसी कोई खबर नहीं चलाई है। अगर यह खबर सच्ची होती तो दूसरे किसी मीडिया हाउस पर भी यह खबर लगी होती, लेकिन हमें कोई भी ऐसी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें यह लिखा हो कि इलाहाबाद का नाम बदलने का अनुमानित खर्च 41 हजार करोड़ रुपये आएगा।

हमारी पड़ताल में यह तस्वीर झूठी साबित हुई है। हालांकि, यह बात तो सच है कि नाम बदलने पर कुछ खर्च जरूर आएगा, लेकिन यह कितना होगा, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, राम मंदिर के लिए कानून बनाए मोदी सरकार