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जिगर के मुनफ़रीद अशआर

हमें फॉलो करें जिगर के मुनफ़रीद अशआर
* तोहीन-ए-इश्क़ देख न हो ऎ जिगर न हो
हो जाए दिल का खून मगर आँख तर न हो

* मेरा कमाल-ए-श'र बस इतना है ऎ जिगर
वो मुझ पे छा गए मैं ज़माने पे छा गया

* अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान के बस का काम नहीं
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही, इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं

* वो अदा-ए-दिलबरी हो, कि नवा-ए-आशिक़ाना
जो दिलों को फ़तहा करले वही फ़ातेह-ए-ज़माना

* क्या कशिश हुस्न-ए-बेपनाह में है
जो क़दम है उसी की राह में है

* बहुत हसीन सही सोहबतें गुलों की मगर
वो ज़िन्दगी है जो कांटों के दरमियाँ गुज़रे

* आँखों में नूर, जिस्म में बन कर वो जाँ रहे
यानी हमीं में रेह के वो हम से निहाँ रहे

* शब-ए-फ़िराक़ है और नींद आई जाती है
कुछ इस में उनकी तवज्जो भी पाई जाती है

* आई है मौत मंज़िल-ए-मक़सूद देख कर
इतने हुए क़रीब के हम दूर हो गए

* बाद मरने के भी क़रार नहीं
मर्ग-ए-नाकाम इस को कहते हैं

* जहाँ वो हैं वहीं मेरा तसव्वुर
जहाँ मैं हूँ ख्याल-ए-यार भी है

* नहीं जानते कुछ कि जाना कहाँ है
चले जा रहे हैं मगर जाने वाले

* जान ही दे दी जिगर ने आज पा-ए-यार पर
उम्र भर की बेक़रारी को क़रार आ ही गया

* सब पे तू मेहरबान है प्यारे
कुछ हमारा भी ध्यान है प्यारे

* तू जहाँ नाज़ से क़दम रख दे
वो ज़मीं आसमान है प्यारे


* होती ही नहीं कम शब-ए-फ़ुरक़त की सियाही
रुखसत हुई क्या शाम के हमराह सहर भी

* दर्द-ओ-ग़म दिल की तबीयत बन चुके
अब यहाँ आराम ही आराम है

* तूल-ए-ग़म-ए-हयात से घबरा न ऎ जिगर
ऎसी भी कोई शाम है जिस की सहर न हो

* सभी अन्दाज़-ए-हुस्न प्यारे हैं
हम मगर सादगी के मारे हैं

* उनका जो फ़र्ज़ है वो एहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुंचे

* सय्याद ने लूटा था अनादिल का नशेमन
सय्याद का लुटता हुआ घर देख रहा हूँ

* उस ने शानों पे ज़ुल्फ़ बरहम की
खैर यारब निज़ाम-ए-आलम की

* ये इश्क़ नहीं आसाँ बस इतना समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है

* वफ़ा का नाम कोई भूल कर नहीं लेता
तेरे सुलूक ने चौंका दिया ज़माने को

* दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद
अब मुझको नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद

* जान कर मिनजुम्ला-ए-खासान-ए-मयखाना मुझे
मुद्दतों रोया करेंगे जाम-ओ-पैमाना मुझे

* यूँ ज़िन्दगी गुज़ार रहा हूँ तेरे बग़ैर
जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूँ मैं

* दिल को सुकून रूह को आराम आ गया
मौत आ गई कि यार का पैग़ाम आ गया

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