Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Hamas Israel war: ग़ाज़ा में नहीं पहुंच रही मानवीय सहायता

हमें फॉलो करें Israel Hamas war

UN

, गुरुवार, 9 मई 2024 (17:00 IST)
Hamas Israel war: संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने कहा है कि ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में इसराइली सेना की आक्रामक हलचल और गोलाबारी बुधवार सुबह जारी रही जिसके कारण, ग़ाज़ा पट्टी में, “ईंधन या मानवीय सहायता” बिल्कुल भी नहीं दाख़िल हो सकी।
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के एक अधिकारी स्कॉट एंडरसन ने एक सोशल मीडिया सन्देश में कहा है, “हमें मानवीय सहायता सामग्री बिल्कुल भी प्राप्त नहीं हो रही है, सीमा चौकी के रास्ते में इसराइली सेना के अभियान जारी हैं और ये अब एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र बन चुका है”

“हम दिन भर इस पूरे इलाक़े में लगातार बमबारी की आवाज़ें सुन रहे हैं। ग़ाज़ा में बिल्कुल भी ईंधन या मानवीय सहायता सामग्री दाख़िल नहीं हुई है, और ये स्थिति मानवीय सहायता कार्यों के लिए त्रासदीपूर्ण है”

रफ़ाह में ये घटनाक्रम, अन्तरराष्ट्रीय चिन्ताओं के हो रहा है, जिसमें यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी रफ़ाह में इसराइल के पूर्ण आक्रमण पर गम्भीर चिन्ताएं जताई हैं।

बीते सप्ताहान्त पर हमास द्वारा एक रॉकेट हमले के बाद, इसराइल ने कैरेम शेलॉम सीमा चौकी को बन्द कर दिया था। उसके बाद इसराइली सेनाओं ने मंगलवार को रफ़ाह सीमा चौकी को भी बन्द करके अपने नियंत्रण में ले लिया और इस सब घटनाक्रम से युद्ध विराम की आशाएं ध्वस्त हो गईं।

बेदख़ली के लिए मजबूर: यूएन सहायता एजेंसियों ने ईंधन, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक चीज़ों की अस्थिर होती आपूर्ति पर चिन्ता व्यक्त की है। एजेंसियों ने ये भी बताया है कि इसराइल के आदेशों के बाद, रफ़ाह में लाखों लोग एक बार फिर विस्थापित होकर अन्यत्र जाने को विवश हो रहे हैं।

रफ़ाह एक निवासी सलाह रजब ने यूएन न्यूज़ के साथ ग़ाज़ा पट्टी में ही बातचीत करते हुए कहा, “हम हर दिन विस्थापित हो रहे हैं"

"हम हर घंटा विस्थापित हो रहे हैं। हमें उम्मीद थी की युद्धविराम समझौता हो जाएगा और हम ग़ाज़ा सिटी को वापिस लौट जाएंगे। मगर हमारी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, बल्कि उसके उलट हुआ है”

ग़ाज़ा का ‘कोई भविष्य नहीं’: ग़ाज़ा के जबालिया शिविर के एक पूर्व निवासी ने, यूएन न्यूज़ अरबी भाषा के, ग़ाज़ा में स्थित संवाददाता से बातचीत में, सात महीनों के युद्ध के दौरान महसूस की गई तकलीफ़ों को बयान किया। इस युद्ध ने उसके बच्चों की ज़िन्दगियां ख़त्म कर दीं।

“मेरे पास सोने के लिए बिस्तर भी नहीं है। मेरे पास एक घर और पूरा सामान होता था। मैं ज़िन्दगी से तंग आ आ चुका हूं क्योंकि ग़ाज़ा में कोई जीवन नहीं है। ग़ाज़ा का कोई भविष्य नहीं है”

गुटेरश की चिन्ता: यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरश भी, युद्ध की समाप्ति और बन्धकों की रिहाई के लिए, दोनों पक्षों से राजनैतिक साहस दिखाते हुए युद्धविराम पर राज़ी होने की अपील कर चुके हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Share bazaar: Sensex ने लगाया 1062 अंक का गोता, Nifty 22000 अंक से नीचे फिसला