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अप्रैल से खट्टे-मीठे बदलाव

बदल जाएँगे निवेश एवं टैक्स प्रावधान

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वर्तमान वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है एवं नए वित्तीय वर्ष में मात्र ३ दिन शेष रह गए हैं। आगामी १ अप्रैल से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष में निवेश एवं टैक्स प्रावधानों में कई परिवर्तन होने जा रहे हैं जिनका खट्टा-मीठा असर आपके पर्सनल फायनेंस पर पड़ेगा। एक नजर इन्हीं परिवर्तनों पर-

नहीं होने पर अधिक दर से टीडीएस कटौती

1 अप्रैल 2010 से कोई व्यक्ति अगर टीडीएस के दायरे में आता है तो उसे टीडीएस कटौती करने वाले व्यक्ति को पैन देना अनिवार्य होगा। साथ ही यदि कोई व्यक्ति आयकर के दायरे में नहीं आता है और टीडीएस कटौती करने वाले व्यक्ति को फार्म नं. 15 जी/15 एच देता है, तो उसके साथ भी पैन देना अनिवार्य होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो टीडीएस की निर्धारित दर अथवा 20% जो भी अधिक होगा, की दर से टीडीएस कटौती की जाएगी।

सेविंग बैंक अकाउंट में डेली बैलेंस गणना पर ब्या

सेविंग बैंक खाताधारकों के लिए खुशखबरी है कि 1 अप्रैल 2010 से सेविंग बैंक अकाउंट में डेली बैलेंस गणना के आधार पर ब्याज मिलेगा। गौरतलब है कि वर्तमान में सेविंग बैंक खाताधारकों को माह की दस तारीख से 30 तारीख के न्यूनतम बैलेंस पर ब्याज मिलता है।

एनपीएस खाते में निवेश पर सबसिड

वित्तीय वर्ष 2010-11 में खोले जाने वाले सभी न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) खातों में सरकार की तरफ से 1000 रु. प्रतिवर्ष, तीन वर्षों तक अंशदान किया जाएगा। इस स्कीम में अंशदान प्राप्त करने के लिए निम्न शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।

एनपीएस खाता 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 के मध्य खोला जाए।

खाता न्यूनतम1000 रु. से खोला जाए।

वित्तीय वर्ष 2010-11 में खाते में अधिकतम 12000 निवेश किए जाएँ।

इन्फ्रास्ट्रस्क्चर बॉण्ड में निवेश पर टैक्स छूट

वित्तीय वर्ष 2010-2011 से आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीएफ के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉण्ड में निवेश पर 20000 रु. तक की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी।

ऑडिट सीमा में परिवर्तन

वित्तीय वर्ष में अब 60 लाख रु. तक सालाना टर्नओवर करने वाले कारोबारियों एवं 15 लाख रु. तक सालाना कमाई करने वाले प्रोफेशनलों को अपने खातों को ऑडिट कराने की जरूरत नहीं होगी। वर्तमान में यह सीमा क्रमशः 40 लाख रु. एवं 10 लाख रु. है।

सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ा

बजट 2010-2011 में सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ाते हुए निम्न 3 प्रमुख सर्विस को भी शामिल किया गया है।

इंश्योरेंस कंपनी/नियोक्ता द्वारा मरीजों के बिलों का भुगतान सीधे अस्पताल को करने पर सर्विस टैक्स अदा करना होगा।

अब देश-विदेश में हवाई यात्रा करने पर भी सर्विस टैक्स अदा करना होगा।

बिल्डर को भवन निर्माण पूर्ण होने के पूर्व यदि कोई राशि अदा की जाती है तो भवन क्रय की 33 प्रश राशि पर सर्विस टैक्स अदा करना होगा।

यूलिप पर सर्विस टैक्स के भार में कमी

 वर्तमान में यूलिप के तहत फंड मैनेजमेंट फीस, प्रीमियम एलोकेशन चार्ज, मोर्टिलिटी चार्ज और पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज पर सर्विस टैक्स लगता है। लेकिन अब केवल फंड मैनेजमेंट फीस पर ही सर्विस टैक्स अदा करना होगा।

उमेश राठी, सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लॉनर (सीएम)

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