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जानिए WFI अध्यक्ष बनने के बाद संजय सिंह ने पहला निर्णय क्या लिया?

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, शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023 (12:34 IST)
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित इकाई ने भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति द्वारा लिए गए सभी फैसलों को गुरुवार को रद्द कर दिया।तदर्थ समिति ने हाल ही में ओलंपिक चयन मानदंडों को बदल दिया था और जयपुर में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी की घोषणा की थी।

डब्ल्यूएफआई चुनाव जीतने के कुछ घंटों बाद 15 निर्वाचित सदस्यों में से 13 ने यहां शहर के एक होटल में मुलाकात की और आगे की रणनीति पर चर्चा की।    नए महासचिव प्रेम चंद लोचब और वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह कादियान बैठक में शामिल नहीं हुए। दोनों अनिता श्योराण के गुट से हैं जो 15 में से दो पद पर ही विजयी रहा।

डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने PTI- भाषा को बताया, ‘‘तदर्थ पैनल ने घोषणा की थी कि सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जनवरी में जयपुर में आयोजित की जाएगी लेकिन इस फैसले को रद्द कर दिया गया है। वास्तव में तदर्थ समिति द्वारा लिए गए सभी फैसले रद्द कर दिए गए हैं।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘तदर्थ समिति ने जिस ओलंपिक चयन ट्रायल मापदंड की घोषणा की थी वह खरा नहीं उतरता। हम 28 से 30 दिसंबर तक गोंडा में अंडर-15 और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी करेंगे।’’
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नवनिर्वाचित महासंघ की पहली आम सभा (GBM) 11 या 12 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में होगी।बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति ने हाल ही में घोषणा की थी कि पहलवानों द्वारा जीता गया ओलंपिक कोटा उस विशेष पहलवान का नहीं बल्कि देश का होगा और कोटा जीतने वाले पहलवान को भी 2024 पेरिस खेलों की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए चयन ट्रायल से गुजरना होगा।

बाजवा के नेतृत्व में तदर्थ समिति इस साल चार मई को अस्तित्व में आई और इसका गठन संकटग्रस्त डब्ल्यूएफआई के दैनिक कामकाज के संचालन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा किया गया था।खेल मंत्रालय ने आईओए को डब्ल्यूएफआई के संचालन के लिए तदर्थ समिति बनाने का निर्देश दिया था।


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