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ब्राजील में सबसे अधिक चमक बिखेर रहे हैं गोलकीपर

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रियो डि जनेरियो , रविवार, 13 जुलाई 2014 (12:34 IST)
रियो डि जनेरियो। दक्षिण अफ्रीका में 4 साल पहले टीमों के सतर्क होकर खेलने के कारण ब्राजील में चल रहे विश्व कप को आक्रामक फुटबॉल की वापसी माना जा रहा है, लेकिन 2014 विश्व कप में सबसे अधिक चमकने का मौका दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों को मिला है।

रविवार को अर्जेंटीना और जर्मनी के बीच होने वाले फाइनल में विश्व को एक बार फिर जर्मनी के मैनुएल नुएर के रूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर को देखने का मौका मिलेगा।

इतना ही नहीं, क्लब स्तर पर कम पहचाने जाने वाले गोलकीपर भी ब्राजील में पिछले 5 हफ्ते में काफी चमके।

अर्जेंटीना के सर्जियो रोमेरो ने पिछले सत्र में मोनाको के लिए सिर्फ एक लीग मैच में शुरुआत की थी लेकिन वे उस समय राष्ट्रीय हीरो बन गए, जब सेमीफाइनल में पेनल्टी के दौरान उन्होंने रोन व्लार और वेस्ले स्नाइडर के शॉट रोककर अपनी टीम को 24 साल में पहली बार विश्व कप के फाइनल में जगह दिला दी।

रक्षण की अंतिम पंक्ति के रूप में पहचाने जाने वाले गोलकीपरों को हालांकि ब्राजूका के रूप में विश्व कप के दौरान अनुकूल गेंद मिली जिस पर 4 साल पहले इस्तेमाल की गई जाबुलानी की तुलना में बेहतर अंदाजा लगाया जा सकता है।

उत्तर अमेरिकी महासंघ कोनकाकाफ ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उसकी 3 टीमें प्री-क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करने में सफल रही जिसमें इनके गोलकीपरों की अहम भूमिका रही।

मैक्सिको के गुइलेर्मो ओचाओ ब्राजील के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ के दौरान 5 बार की पूर्व चैंपियन टीम को गोल से वंचित रखने में कामयाब रहे। उनके इस शानदार प्रदर्शन से दुनिया के कई शीर्ष क्लबों की नजरें उन पर टिक गई हैं और वे स्पेन के चैंपियन एटलेटिको मैड्रिड से जुड़ सकते हैं।

एटलेटिको मैड्रिड की नजरें कोस्टा रिका के केलोर नवास पर भी टिकी हैं, जो लियोनेल मेस्सी के अलावा ब्राजील में 3 मैन ऑफ द मैच खिताब जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।

नवास ने नियमित समय के दौरान 510 मिनट के खेल में सिर्फ 1 गोल खाया और अपनी टीम को इतिहास में पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया, जब अंतिम 16 के मुकाबले में यूनान के खिलाफ उन्होंने लेवाते टीम के अपने पूर्व साथी थियोफानिस गेकास की पेनल्टी रोक दी।

किसी एक मैच में हालांकि गोलकीपर के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बेल्जियम के खिलाफ अमेरिका के टिम होवार्ड ने किया। होवार्ड ने मैच के दौरान 16 बचाव किए, जो 1966 के बाद किसी भी गोलकीपर की ओर से रिकॉर्ड बचाव है।

इस मैच के बाद उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर ‘थिंग्सटिमहावर्डकुडसेव’ हैशटैग शीर्ष ट्रेंड में शामिल रहा और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निजी तौर पर फोन करके उन्हें धन्यवाद दिया।

मैच के दौरान सिर्फ 1 मिनट खेलने वाले गोलकीपर भी अपनी छाप छोड़ गए। नीदरलैंड्स के टिम क्रूल अहम बदलाव साबित हुए, जब उन्हें कोस्टा रिका के खिलाफ टीम के पेनल्टी शूट आउट के लिए अतिरिक्त समय के अंतिम मिनट में मैदान पर उतारा गया।

न्यूकासल यूनाइटेड के साथ पेनल्टी का काफी अच्छा रिकॉर्ड नहीं होने के बाद बावजूद क्रूल ने 2 बचाव किए और मध्य अमेरिकी देश को क्वार्टर फाइनल से बाहर कर दिया।

कुछ गोलकीपर हालांकि विश्व कप के दौरान खलनायक बनकर भी उभरे। स्पेन के कप्तान इकेर कैसिलास ने कई गलतियां कीं जिससे उनकी गत चैंपियन टीम को पहले दौर में ही बाहर होना पड़ा।

रूस के इवान एकिनफीव भी अपनी टीम की हार का कारण बने। उन्होंने दक्षिण कोरिया को अपने पहले मैच में गोल करने का मौका दिया जबकि फाबियो कपेलो की टीम जब अल्जीरिया के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन से अंतिम 16 में जगह बनाने की ओर बढ़ रही थी, तब उन्होंने एक बार फिर गलती की।

कपेलो ने हालांकि दावा किया कि यासिन ब्राहिमी ने जब क्रॉस दिया, जो किसी ने एकिनफीव की आंखों पर लेजर चमकाई जिससे इस्लाम स्लिमानी को बराबरी का गोल दागने का मौका मिल गया और उनकी टीम जीत से वंचित रह गई। (भाषा)

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