Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Sarva pitru amavasya 2023: 14 या 15 अक्टूबर कब है दर्श या सर्वपितृ अमावस्या?

हमें फॉलो करें Sarva pitru amavasya 2023: 14 या 15 अक्टूबर कब है दर्श या सर्वपितृ अमावस्या?
When is Sarv Pitri Amavasya 2023: श्राद्ध पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या को लेकर भी लोगों में भ्रम है कि यह 14 अक्टूबर को रहेगी या कि 15 अक्टूबर को। श्राद्ध पक्ष के 16 श्राद्ध में सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन रहता है। इस दिन सभी ज्ञात अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दिन श्राद्ध में तर्पण और पिंडदान करने का खास महत्व है। आओ जानते हैं कि कब है सर्वपितृ अमावस्या।
 
अमावस्या तिथि:-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- 13 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09:50 पर।
अमावस्या तिथि समाप्त:- 14 अक्टूबर 2023 को रात्रि 11:24 बजे।
 
नोट : सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध कुतुप काल, रोहिणी काल या अपराह्न काल में करते हैं, जो कि दिन में होता है। चूंकि 13 तारीख को रात्रि में तिथि प्रारंभ हो रही है इसलिए इस दिन का कोई महत्व नहीं। अत: 14 अक्टूबर 2023  शनिवार को ही सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध रखा जाएगा।
 
कुतुप मूहूर्त- दोपहर 12:01 से 12:48 के बीच।
रोहिणी मूहूर्त- दोपहर 12:48 से 01:35 के बीच।
अपराह्न काल- दोपहर 01:35 से 03:56 के बीच।
webdunia
1. पंचबलि कर्म : इस श्राद्ध में पंचबलि अर्थात गोबलि, श्वानबलि, काकबलि और देवादिबलि कर्म जरूर करें। अर्थात इन सभी के लिए विशेष मंत्र बोलते हुए भोजन सामग्री निकालकर उन्हें ग्रहण कराई जाती है। अंत में चींटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालने के बाद ही भोजन के लिए थाली अथवा पत्ते पर ब्राह्मण हेतु भोजन परोसा जाए। साथ ही जमई, भांजे, मामा, नाती और कुल खानदान के सभी लोगों को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा जरूर दें।
 
2. तर्पण और पिंडदान : सर्वपितृ अवमावस्या पर तर्पण और पिंडदान का खासा महत्व है। सामान्य विधि के अनुसार पिंडदान में चावल, गाय का दूध, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर पिंड बनाए जाते हैं और उन्हें पितरों को अर्पित किया जाता है। पिंडदान के साथ ही जल में काले तिल, जौ, कुशा, सफेद फूल मिलाकर तर्पण किया जाता है। पिंड बनाने के बाद हाथ में कुशा, जौ, काला तिल, अक्षत् व जल लेकर संकल्प करें। इसके बाद इस मंत्र को पढ़े. “ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये।।'
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि नवमी कब है, यहां जानें पूजा के शुभ मुहूर्त