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14 फरवरी को ही क्यों मनाएं महाशिवरात्रि पर्व

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पं. हेमन्त रिछारिया

वर्ष 2018 में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर जनमानस में असमंजस व्याप्त है क्योंकि इस वर्ष फरवरी माह की 13 एवं 14 दोनों ही तारीखों में चतुर्दशी का संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि पर्व का दिन निश्चित करने से पूर्व कुछ बातों का स्पष्ट होना आवश्यक है। सर्वप्रथम जनमानस को यह तथ्य जानना आवश्यक है कि संक्रान्ति की ही भांति शिवरात्रि भी प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है जिसे मास शिवरात्रि कहा जाता है। 
 
जब यह फ़ाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है तब इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए महाशिवरात्रि एक बड़ा पर्व होता है। इस दिन भूतभावन भगवान शंकर का अभिषेक एवं पूजा कर उपवास रखा जाता है। पंचांग अनुसार वर्ष 2018 में फ़ाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 13 फ़रवरी को रात्रि 10 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ हो रही है जो दिनांक 14 फ़रवरी को रात्रि 12 बजकर 14 मिनट तक रहेगी।
 
 इस संयोग के कारण इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व दो रात्रियों तक रहेगा। चूंकि अधिकांश व्रत एवं पर्वों में उदयकालीन तिथि को शास्त्रीय मान्यता प्राप्त होती है एवं पूजा-व्रत इत्यादि भी दिन में ही सम्पन्न किए जाते हैं इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 14 फ़रवरी 2018 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रसाभिषेक कर पूर्ण वैदिक रीति से पूजन-अर्चन करना श्रेयस्कर रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 
 

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