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पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख जेब में हो माया, कैसे होगा यह संभव?

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अनिरुद्ध जोशी

हमारे ऋषि-मुनि कह गए हैं, 'पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख जेब में हो माया।' यदि काया अर्थात शरीर रोगी है तो आप धन कैसे कमाएंगे। यदि पहले से ही अपार धन है तो वह किसी काम का नहीं। धन से कोई रोग नहीं मिटता है। शरीर स्वस्थ और सेहतमंद है तभी तो आप जीवन का आनंद ले सकेंगे। घुमना-फिरना, हंसी-मजाक, पूजा-प्रार्थना, मनोरंजन आदि सभी कार्य अच्छी सेहत वाला व्यक्ति ही कर सकता है। अत: इसे समझना जरूरी है।
 
निरोगी काया : यदि आप स्वस्थ हैं तो ही आपका जीवन है। अस्वस्थ काया में जीवन नहीं होता। व्यक्ति 4 कारणों से अस्वस्थ होता है: पहला मौसम-वातावरण से, दूसरा खाने-पीने से, तीसरा चिंता-क्रोध से और चौथा अनिद्रा से। मौसम और वातावरण आपके वश में नहीं, लेकिन घर और वस्त्र हों ऐसे कि वे आपको बचा लें। घर को आप वस्तु अनुसार बनाएं। हवा और सूर्य का प्रकाश भीतर किस दिशा से आना चाहिए, यह तय होना चाहिए ताकि वह आपकी बॉडी पर सकारात्मक प्रभाव डाले।
 
खाना-पीना आपके हाथ में है अत: उत्तम भोजन और उत्तम जल जरूरी है। हर तरह के नशे से दूर रहने की बात भी आप जानते ही होंगे। आहार के साथ उपवास भी जरूरी है। उपवास के लिए विशेष दिन और माह नियुक्त हैं। चिंता और क्रोध करने की भी आदत हो जाती है शराब पीने की तरह। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि नशा करके व्यक्ति चिंता में तो हो ही जाता है और वह चिड़चिड़ा भी हो जाता है। ये दोनों ही आदतें आपके शरीर को जल्द से जल्द बूढ़ा बना देंगी और साथ ही आप अपने परिवार को भी खो देंगे।
 
अब जहां तक चौथे कारण का सवाल है, ऐसे में कहना होगा कि उपरोक्त तीन है तो चौथा हो ही जाएगा। उत्तम नींद संजीवनी दवा के समान होती है। मानसिक द्वंद्व, चिंता, दुख, शोक, अनावश्यक बहस, अनावश्यक विचार आदि सभी से श्वासों की गति अनियंत्रित हो जाती है जिसके चलते नींद उड़ जाती है। इससे मुक्ति का सरल उपाय है प्राणायाम और ध्यान। हालांकि आप और कुछ भी कर सकते हैं।
 
आपने दुनियाभर की किताबें पढ़ी होंगी या घर में रखी होंगी, लेकिन क्या आपके घर में ऐसी किताबें हैं, जो आपको सेहतमंद और चिंत्तामुक्त बने रहने के उपाय बताती हों? जीवनभर आपने स्कूल और कॉलेज में जो पढ़ा है और कठिन मेहनत करके जो कमाया है, वह अस्पताल में जाकर सब व्यर्थ सिद्ध हो जाने वाला है।
 
आपको घर में रखना चाहिए घरेलू नुस्खों की कई किताबें, आयुर्वेद और योग से संबंधित किताबें, सीडी आदि। इसके अलावा सबसे जरूरी वे किताबें है जिनके माध्यम से आपको आपके शरीर और दवाओं का ज्ञान होता हो। आपके शरीर के भीतर के अंग कौन-कौन-से हैं और वे किस तरह कार्य करते हैं और उन्हें कौन-से भोजन और व्यायाम की जरूरत है, यह भी जानना जरूरी है। हालांकि आप फेसबुक पर चलने वाली व्यर्थ की बातें जानने में ज्यादा उत्सुक रहते होंगे?
 
चाहें तो योग करें, पैदल चलें, तैराकी करें या कसरत करें। 24 घंटे में से 1 घंटा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए देना चाहिए। जिस शरीर में आपको 70-80 साल रहना है, निश्‍चित ही आप उसके लिए कुछ तो करेंगे। यदि यह नहीं कर पाएं तो कम से कम उसके भीतर कचरा तो मत डालिए।
 
अगले पन्ने पर कैसे हो जेब में माया..
 

जेब में हो माया : धन कमाना जीवन में बहुत जरूरी होता है और सभी यह कार्य करते भी हैं। कुछ लोग कड़ी मेहनत करके धन कमाते हैं और कुछ लोग स्मार्ट वर्क करके धन कमाते हैं। धन कमाने के अच्छे रास्ते भी हैं और बुरे भी। अच्छे रास्ते से कमाया गया धन ही आपके जीवन को संतुष्ट कर सकता है अन्यथा आप शायद नहीं जानते हैं कि बुरे रास्ते का धन बुराई में ही समाप्त हो जाता है। ऐसे लोग जेलखाने, दवाखाने या पागलखाने में ही मिलते हैं।
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धनवान बनने के गुप्त रहस्य के बारे में जानने से अच्छा है कि आप प्रैक्टिकल तरीके से इसके बारे में सोचें। हालांकि लोग कहते हैं कि अपार धन कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता और सारे शॉर्टकट मार्ग जेल में जाकर ही खत्म होते हैं। लेकिन यह भी सही है कि आपका मार्ग सही है, तो उसे शॉर्टकट बनाया जा सकता है।
 
आपकी योग्यता ही सबसे बड़ी दौलत है। आप जितने योग्य और कार्यकुशल होंगे, आपके मार्ग की बाधाएं समाप्त होती जाएंगी। धन कमाने के शॉर्टकट मार्ग वे ही लोग ढूंढते हैं, जो अयोग्य हैं। आप सीखें वह सब कुछ जिसके माध्यम से धन कमाया जा सकता है। योग्य व्यक्ति की संसार को जरूरत है।
 
दूसरी और महत्वपूर्ण बात यह कि यदि आप धनवान बनना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि आप धन के बारे में सकारात्मक विचार करें और सकारात्मक बातें भी करें। मसलन यह कि आप खुद को अमीर समझें गरीब नहीं। वैसा ही अपने घर को बनाएं। धीरे धीरे ही सही लेकिन पहले आप अपनी सोच में अमीर बनते हो बाद में हकीकत में। अत: खुद को धनवान ही मानें।

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