Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(आशा द्वितीया)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण द्वितीया
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-आसों दोज, आशा द्वितीया, विश्व मलेरिया जागरूकता दि.
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

वेद खो गए, तो हिंदू भटक गए...

हमें फॉलो करें वेद खो गए, तो हिंदू भटक गए...
, गुरुवार, 19 जून 2014 (19:27 IST)
वेद संसार की प्रथम धार्मिक, वैज्ञानिक, सामाजिक और राजनीतिक पुस्तक है। वेदों में सबकुछ है। वेद से बाहर कुछ भी नहीं। वेदों को ईश्वर की वाणी माना जाता है। ईश्वर की इस वाणी के पहली बार चार ऋषियों ने सुना था- अग्नि, वायु, अंगिरा और आदित्य।
 
वाचिक परंपरा : इन चार ऋषियों अग्नि, अंगिरा और आदित्य के माध्यम से वेद अन्य ऋषियों तक पहुंचा। अन्य ऋषियों ने वेदों की शिक्षा शुरू की। शिक्षा में वेदों को मुखाग्र पढ़ाया जाता था और मुखाग्र ही याद रखा जाता था। इस तरह हजारों वर्षों तक वेव वाचिक परंपरा के माध्यम से ऋषियों, साधु-संतों और पंडितों के कंठ में बसे रहे।
 
लेकिन हिन्दू अब वेद नहीं पुराणों, स्थानीय संस्कृ‍ति और अन्य धर्मों के प्रभाव पर आधारित धर्म है। बौद्ध काल में लिखे गए पुराणों के चलते हिन्दू वेद पथ से भटक गया। वेद से भटकने का परिणाम यह हुआ कि हिन्दू धर्म का धीरे-धीरे पतन होता गया। जातियों और प्रांतों में बंटकर हिन्दुओं ने पहले हिंदुकुश खोया, फिर सिंधु खोया और अभी भी खोना जारी है।
 
हिन्दुओं ने वेद को छोड़ा तो वेदों ने भी हिन्दु्ओं को छोड़ दिया। जो लोग वेद के साथ हैं ईश्वर उनके साथ हैं। जैसे नदी के किनारे के वृक्षों को सूखने का खतरा नहीं रहता, वैसे ही वेदों को जानने-समझने वालों के मन-मस्तिष्क से मृत्यु और दुख का भय मिट जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi