Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या होता है पिता इन 6 पंक्तियों से जानें...

हमें फॉलो करें क्या होता है पिता इन 6 पंक्तियों से जानें...
- पिता आंसुओं और मुस्कान का वह समुच्चय, जो बेटे के दुख में रोता तो सुख में हंसता है। उसे आसमान छूता देख अपने को कद्दावर मानता है तो राह भटकते देख कोसता है अपनी किस्मत की बुरी लकीरों को। 
 
- पिता गंगोत्री की वह बूंद जो गंगा सागर तक पवित्र करने के लिए धोता रहता है एक-एक तट, एक-एक घाट। 
 
- पिता वह आग जो पकाता है घड़े को, लेकिन जलाता नहीं जरा भी। वह ऐसी चिंगारी जो जरूरत के वक्त बेटे को तब्दील करता है शोले में। 
 
- वह ऐसा सूरज, जो सुबह पक्षियों के कलरव के साथ शुरू करता है धरती पर हलचल, दोपहर में तपता है और शाम को धीरे से चांद को लिए छोड़ देता है रास्ता। 
 
- पिता वह चांद जो बच्चे के बचपने में रहता है पूनम का, तो धीरे-धीरे घटता हुआ क्रमशः हो जाता है अमावस का। 
- समंदर के जैसा भी है पिता, जिसकी सतह पर खेलती हैं असंख्य लहरें, तो जिसकी गहराई में है खामोशी ही खामोशी। वह चखने में भले खारा लगे, लेकिन जब बारिश बन खेतों में आता है तो हो जाता है मीठे से मीठा।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या दे रहे हैं आप पिता को फादर्स डे पर.. जानिए इस दिन का महत्व