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मेरठ में मुस्लिम महिला ने प्रताड़ना से तंग आकर शौहर को दिया तीन तलाक

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, शनिवार, 6 मई 2017 (09:02 IST)
मेरठ। पति और देवर की ज्यादती से तंग आकर एक मुस्लिम महिला ने अपने शौहर को ही तीन तलाक दे दिया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक ही घर में ब्याही गई दो बहनों में से एक बहन ने अपने ससुराल वालों के उत्पीड़न और अपनी छोटी बहन को उसके शौहर (देवर) द्वारा तलाक देने का बदला अपने पति को तीन बार तलाक कहकर दिया। महिला ने कहा, जब पति तलाक दे सकता है तो औरत क्यों नहीं। 
 
पुलिस के अनुसार जिले के थाना खरखौदा क्षेत्र के गांव नरहेड़ा निवासी निजामुद्दीन की दो पुत्रियों आमरीन और फरहीन का निकाह 28 मार्च 2012 में भावनपुर थाना क्षेत्र के गांव लडपुरा निवासी साबिर और शाकिर दो सगे भाइयों से हुआ था। आरोप है कि शादी के कुछ अर्से बाद ही दोनों बहनों को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। 28 सितम्बर को फरहीन को उसके शौहर शाकिर ने तलाक दे दिया।
 
बताया जाता है कि पीड़िता के साथ उसके पति की शह पर देवर ने बलात्कार भी किया था। जिसकी उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नही की है। बताया जाता है कि शादी के बाद से दोनों बहनों को दहेज के लिए प्रताड़िया किया जाने लगा था। 5 साल में तीन बार दहेज प्रताड़ना और कोर्ट-कचहरी के बाद सामाजिक समझौते के जरिए इनके शौहर इन्हें वापस अपने साथ ले गए, लेकिन आठ महीने पहले छोटी बहन की पिटाई के बाद उसके शौहर ने उसे तलाक दे दिया। अपने देवर की इस हरकत का बड़ी बहन ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की। इतना ही नहीं शौहर की शह पर इस दिव्यांग महिला के साथ उसके छोटे देवर ने बलात्कार भी किया। इस दौरान उसके साथ हुई पिटाई में उसका गर्भपात भी हो गया था।
 
बुधवार को दोनों बहनों ने अपने परिजनों के साथ आईजी मेरठ जोन अजय आनंद से मिली और पुलिस के कारनामें उनके सामने रखे। पीड़ितों ने आईजी से इंसाफ की फरियाद की है।
 
पति को तलाक दिए जाने की बावत आमरीन का कहना है कि हम दोनों बहनों से ससुराल वालों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई तो देवर ने उसकी बहन को तलाक दे दिया था, जिसका बदला उसने अपने शौहर को तलाक देकर लिया है। जब पति तलाक दे सकता है तो फिर पत्नी क्यों नहीं दे सकती। आमरीन का कहना है कि पति को तीन तलाक के अपने निर्णय पर वह अडिग है। आमरीन ने यह भी कहा है कि मोदी सरकार तीन तलाक के मामले में महिलाओं के हक में काम कर रही है। इसलिए सभी महिलाओं को मोदी सरकार के साथ डटकर रहना चाहिए।
 
इस मामले में नायब शहर काजी जैनुर राशिदुद्दीन का कहना है कि इस्लाम में औरत को तलाक का हक नहीं दिया गया है। औरत को शरीयत पंचायत में जाकर अर्जी देनी होगी उसके बाद शरीयत पंचायत दोनों के मामले में पहले सुलह का प्रयास करेगी। सुलह नहीं होने पर शरीयत पंचायत औरत को शौहर से आजादी दिला सकती है। (एजेंसी)


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