SC/ST एक्ट में बिना नोटिस गिरफ्तारी नहीं, 7 साल से कम सजा वाले मामले में नियम लागू

Webdunia
बुधवार, 12 सितम्बर 2018 (08:22 IST)
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पुलिस से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के 2014 के एक आदेश द्वारा समर्थित सीआरपीसी के प्रावधानों का पालन किए बगैर एक दलित महिला और उसकी बेटी पर हमले के आरोपी चार लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकती।
 
यह मामला आईपीसी के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न निरोधक) कानून के तहत दर्ज हुआ था, लेकिन न्यायालय ने पुलिस को तत्काल नियमित (रूटीन) गिरफ्तारी करने से रोक दिया। 
 
उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में न्यायमूर्ति अजय लांबा और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया। 
 
साल 2014 में उच्चतम न्यायालय ने अर्णेश कुमार के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी पर दिशानिर्देशों का समर्थन किया था।
 
सीआरपीसी की धारा 41 और 41-ए कहती है कि सात साल तक की जेल की सजा का सामना कर रहे किसी आरोपी को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा जब तक पुलिस रिकॉर्ड में उसकी गिरफ्तारी के पर्याप्त कारणों को स्पष्ट नहीं किया जाता।
 
उच्च न्यायालय का आदेश ऐसे समय पर आया है जब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न निरोधक) कानून का दुरूपयोग रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से पारित आदेश को पलटने की मंशा से हाल में संसद ने इस कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पारित किया है। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

पुरुषोत्तम रूपाला के खिलाफ राजपूत समुदाय में बढ़ा आक्रोश, 19 अप्रैल तक का अल्टीमेटम

200 करोड़ रुपए की संपत्ति दान कर पत्नी सहित भिक्षु बने गुजरात के बिजनेसमैन

तिहाड़ में केजरीवाल से मिलने के बाद रोने लगे भगवंत मान, आखिर किस बात को लेकर छलका दर्द

चुनाव से पहले आयोग ने जब्‍त किए करोड़ों रुपए, पिछले Lok Sabha Election का टूटा रिकॉर्ड

PM Modi Interview : मेरे फैसले डराने वाले नहीं, ED, चुनावी बॉन्ड और काले धन पर भी बोले PM मोदी

अयोध्या में तड़के 3.30 बजे से शुरू हो जाएंगे रामलला के दर्शन, VIP दर्शन रहेंगे बंद

ममता बनर्जी की तीखी टिप्पणी, कहा- प्रधानमंत्री मोदी पहले खुद देखें आईना

Boat Accident : आंसुओं और सिसकियों के बीच नाव हादसे में डूबने वालों का अंतिम संस्कार

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, 29 नक्सली मार गिराए

महाकाल मंदिर में बिगड़ी केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तबीयत, अस्पताल में कराया भर्ती

अगला लेख