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अपोलो अस्पताल के बाहर उमड़ी भीड़, जयललिता के लिए प्रार्थना

हमें फॉलो करें अपोलो अस्पताल के बाहर उमड़ी भीड़, जयललिता के लिए प्रार्थना
चेन्नई , सोमवार, 5 दिसंबर 2016 (14:36 IST)
चेन्नई। अन्नाद्रमुक के सैकड़ों कार्यकर्ता सोमवार को अपोलो अस्पताल के बाहर एकत्र हुए, जहां कुछ लोग तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता का स्वास्थ्य बिगड़ने के समाचार के कारण उदास नजर आए और कुछ लोग अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। जयललिता को रविवार रात दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद अपोलो अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा है।

 
तिरुवन्नामलाई के परिमाला और उत्तर चेन्नई के सुब्रमण्यम जैसे कई जिलों के पार्टी कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम इंतजार कर रहे हैं। हमें भरोसा है कि हमें जल्द ही शुभ समाचार मिलेगा। अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं समेत कुछ लोग चिंता में अस्पताल परिसर के आसपास चक्कर काटते दिखाई दिए। पार्टी कार्यकर्ताओं को ईश्वर से प्रार्थना करते देखा गया ताकि उनकी पार्टी सुप्रीमो जयललिता के स्वास्थ्य में सुधार हो।
 
68 वर्षीय जयललिता को हृदय संबंधी समस्या में सहायक उपकरण 'एक्स्ट्राकॉरपोरिएल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन' (ईसीएमओ) पर रखा गया है और हृदयरोग विशेषज्ञ समेत तमाम चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं।
 
वरिष्ठ मंत्री पी. तंगमणि समेत राज्यमंत्रियों और बी. वलारमति जैसे अन्नाद्रमुक के अन्य शीर्ष पदाधिकारी सुबह जल्दी अस्पताल पहुंचे। वे कुछ देर के लिए वहां से जाने के बाद फिर लौट आए। केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन ने अस्पताल प्राधिकारियों एवं अन्नाद्रमुक नेताओं से जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में पूछा।
 
जयललिता के आरके नगर निर्वाचन क्षेत्र से एक महिला पार्टी कार्यकर्ता रजनी को प्रार्थना करते देखा गया और वे अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रही थीं। आरके नगर से पार्टी की कई महिला कार्यकर्ता उनके साथ प्रार्थना कर रही थीं।
 
बड़ी संख्या में लोगों के अस्पताल परिसर पहुंचने और परिसर पहुंचने वाली सड़कों पर लोगों का तांता लगे होने के कारण पड़ोसी इलाकों में भी यातायात जाम हो गया है। पुलिस को भीड़ को काबू में करने और यह सुनिश्चित करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है कि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। अस्पताल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
 
हालांकि राज्य सरकार ने स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थानों के बंद रहने की घोषणा नहीं की है, लेकिन कुछ संस्थानों के प्रबंधनों ने उन्हें बंद रखने का निर्णय लिया। जो स्कूल खुले रहे, वहां भी उपस्थिति कम देखी गई। पुलिस ने बताया कि दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान मुख्य रूप से खुले रहे। (भाषा)

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