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गुरु की भूमिका में दिखे योगी आदित्यनाथ, शिष्यों और श्रद्धालुओं को दिया आशीर्वाद

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, शुक्रवार, 27 जुलाई 2018 (16:40 IST)
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बदली हुई भूमिका में नजर आए। गोरखनाथ मंदिर में नाथ सम्प्रदाय के शिष्यों और हजारों श्रद्धालुओं के बीच गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गुरु की भूमिका में रहे और पूरा परिसर गुरु महिमा के मंत्रोचार के साथ गूंज उठा। उन्होंने शिष्यों को चन्दन लगाकर आशीर्वाद दिया और शिष्यों ने उन्हें भी पहले चन्दन लगाकर चरण स्पर्श करने के बाद दक्षिणा भी दी।


इस अवसर पर गोरखनाथ के प्रथम पुजारी योगी कमलनाथ ने गुरु गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ का तिलक, हल्दी, चन्दन, रोली, दही से अभिषेक किया। इसके बाद सुगन्धित पुष्प की माला पहनाकर चरण स्पर्श किया एवं दक्षिणा के रूप में 101 रुपए अपने गुरु को दिए। बाद में कतारबद्ध खड़े शिष्यों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच योगी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में आज देश के विभिन्न प्रान्तों से आए हजारों भक्त सुबह से ही गुरु की प्रतीक्षा कर रहे थे और गुरु गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने किसी को निराश नहीं किया। लगभग दो घंटे तक मंदिर के तिलक हाल में चले इस कार्यक्रम में उन्होंने बारी-बारी सबको तिलक लगाकर आाशीर्वाद दिया।

मंदिर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हमेशा यह आयोजन होता रहा है मगर आज नजारा कुछ बदला बदला रहा। गोरक्षनाथ मंदिर में पहली बार कोई पीठाधीश्वर ब्लेक कैट कमान्डो से घिरा हुआ था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे मगर शिष्यों को किसी प्रकार का कष्ट न हो, मुख्यमंत्री के इस निर्देश का भी पालन हो रहा था।

गोरक्ष पीठाधीश्वर ने विभिन्न प्रान्तों से आए हुए शिष्यों को उपदेश देते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा की परम्परा अत्यंत पुरानी है। उन्होंने कहा कि हम सबको धर्म में आस्था रखनी चाहिए और धर्म के बाद देश और समाज है। उन्होंने कहा कि धर्म सुरक्षित रहेगा तो देश तथा समाज भी सुरक्षित रहेगा इसलिए प्रत्‍येक धर्म का सम्मान करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने गुरु पूर्णिमा के अवसर आज प्रदेश के लोगों को अपनी शुभकामना देते हुए कहा कि आज लोग अपने से श्रेष्ठजन और गुरुजनों का सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गोरखनाथ मंदिर में सुबह से ही गुरु पूर्णिमा का अनुष्ठान शुरू हो गया। सुबह पांच बजे से छह बजे तक गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ महायोगी गुरु गोरखनाथ का पूजन कर रोट का प्रसाद चढ़ाया और उसके बाद मंदिर के सभी देव विग्रहों की वैदिक मंत्रोचार के बीच पूजा-अर्चना की गई।

इसके बाद सुबह साढ़े छह बजे से सात बजे तक सामूहिक आरती एवं भजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक मंदिर में स्थित तिलक भवन में गोरक्ष पीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तिलक लगाकर मठ के भक्तों ने आशीर्वाद ग्रहण कर उन्हें गुरु दक्षिणा प्रदान की। मुख्यमंत्री की गोखनाथ मंदिर में दिनचर्या पूरी तरह से परंपरागत रही।

उन्होंने बड़ी संख्या में मौजूद गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगे जनता दरबार में सुबह से बैठे लगभग ढाई सौ फरियादियों की समस्या सुनी और उनके समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। इसके अलावा बचे अन्य फरियादियों का पत्र अधिकारियों ने लिया जिसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया। योगी सुबह साढ़े पांच बजे अपने कक्ष से निकले और सीधे गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन को पहुंचे।

उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ की विधिवत पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और उसके बाद ब्रह्मलीन गुरु अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर जाकर उनका अशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री मंदिर परिसर के तिलक हाल में गुरु पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में थोड़े समय में ही फरियादियों की भीड़ से निकल गए।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी कमलनाथ ने आज एक युवक को नाथ सम्प्रदाय की परम्परा के अनुसार दीक्षा देकर योगी बनाया। बिहार प्रान्त के रोहताज जिले के तिरहिंदी गांव निवासी धर्मेन्द्र सिंह को दीक्षा देकर धर्मेंन्द्रनाथ योगी बनाया गया। इस अवसर पर धर्मेन्द्र योगी ने कहा कि मैं संत बनकर ही लोक कल्याण के लिए जीवन-यापन करना चाहता हूं, क्योंकि संत ही अपना जीवन दूसरे के लिए समर्पित करते हैं। (वार्ता)

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