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क्या है यूपी का गेस्ट हाउस कांड और क्यों इसे उठा रही है भाजपा...

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अवनीश कुमार

लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजनीति में आजकल स्टेट गेस्ट हाउस कांड चर्चा का विषय बना हुआ है और भाजपा नेता हर मौके पर बसपा सुप्रीमो मायावती को यह याद दिलाने में नहीं चूक रहे हैं कि गेस्ट हाउस कांड के असली आरोपी कोई और नहीं समाजवादी पार्टी के नेता ही थे।

हालांकि खुद मायावती स्टेट गेस्ट हाउस कांड का आरोपी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को नहीं मानती हैं और तो और प्रेस वार्ता कर उन्होंने यहां तक कह डाला था कि जिस समय स्टेट गेस्ट हाउस कांड हुआ उस समय अखिलेश यादव राजनीति में थे ही नहीं। आखिर क्या था स्टेट गेस्ट हाउस कांड और क्यों भाजपा रह-रहकर इस मुद्दे को उठाने का प्रयास करती है।
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क्या था स्टेट गेस्ट हाउस कांड : भाजपा के साथ बसपा की नजदीकियां बढ़ने के बाद 2 जून 1995 को एक रैली में मायावती ने सपा से गठबंधन वापस लेने की घोषणा कर दी। अचानक समर्थन वापसी की घोषणा से मुलायम सरकार अल्पमत में आ गई। यह लगभग तय था कि बसपा अब भाजपा के सहयोग से सरकार बनाएगी। मायावती ने इसी के मद्देनजर मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में अपने विधायकों की बैठक बुला रखी थी।

यह खबर सपा नेताओं को मिल गई और उन्होंने गेस्ट हाउस पर धावा बोल दिया। सपा नेताओं ने वहां मौजूद विधायकों से मारपीट शुरू कर दी। उनके आक्रामक तेवर देखकर मायावती ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। हालात कुछ ऐसे बन गए थे कि बसपा के विधायक डर के मारे भाग खड़े हुए। सपा नेता गेस्ट हाउस के अंदर घुसकर अपशब्दों का प्रयोग करते रहे। यह दिन राजनीति के सबसे काले दिन के रूप में था और इस दिन से सपा व बसपा के बीच घोर दुश्मनी की शुरुआत हो गई थी।

क्यों उठ रहा है यह मुद्दा : अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद भाजपा को रोकने के लिए 1993 में समाजवादी पार्टी और बसपा गठबंधन हुआ। यह गठबंधन भाजपा पर इतना भारी पड़ा जिसकी कल्पना खुद भाजपा ने भी नहीं की थी। इस गठबंधन के तहत 1993 में कांशीराम और मुलायमसिंह ने मिलकर चुनाव लड़ा था और सपा 256 और बसपा 164 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। सपा109 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि बसपा को 67 सीटें मिली थीं।

बसपा के सहयोग से मुलायमसिंह यादव ने सरकार बनाई और कहीं ना कहीं भाजपा के सरकार बनाने के अरमानों पर दोनों पार्टियों के गठबंधन ने मिलकर पानी दे रहा था। इसलिए भाजपा ने 1993 में जिस गठबंधन पर विशेष ध्यान नहीं दिया था, वहीं गठबंधन एक बार फिर से होने जा रहा है जिसको लेकर भाजपा कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है और रह-रहकर स्टेट गेस्ट हाउस कांड को चुनावी मुद्दा बनाकर उठाने का पूरा प्रयास कर रही है।

भाजपा पर आरोप : सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने आवास भाजपा पर जमकर हमला बोला और भाजपा को जवाब देते हुए कहा कि बसपा और सपा अपने स्वार्थ के लिए साथ नहीं हुए हैं बल्कि भाजपा के कुशासन को खत्म करने के लिए एकजुट हुए हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा बैखला गई है और अनर्गल बयानबाजी कर रही है। केंद्र सरकार ने साढ़े चार साल में सिर्फ नाटक किया है खासकर दलितों के साथ, लेकिन अब इस ढोंग से उनकी पार्टी को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। वे यहीं नहीं रुकीं। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' में अंबेडकरजी के बारे में कहा लेकिन उनकी मानसिकता अंबेडकर के विचारों से बिलकुल अलग है।

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