Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वसुंधरा राजे : प्रोफाइल

हमें फॉलो करें वसुंधरा राजे : प्रोफाइल
वसुंधरा राजे सिंधिया को राजनीति विरासत में मिली है। राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत के निधन और जसवंत सिंह के विवादों में रहने के ‍बाद वसुंधरा राजे राजस्थान में बीजेपी की सशक्त चेहरा बनकर उभरीं। वसुंधरा राजे 2003 से 2008 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं। 
प्रारंभिक जीवन : वसुंधरा राजे का जन्म 8 मार्च, 1953 को मुंबई में हुआ। वसुंधरा की प्रारंभिक शिक्षा प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस ऑनर्स से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की। 
 
पारिवारिक पृष्‍ठभूमि : वसुंधरा राजे ग्वालियर के शासक जीवाजी राव सिंधिया और उनकी पत्नी राजमाता विजया राजे सिंधिया की चौथी संतान हैं। वसुंधरा राजे का विवाह धौलपुर राजघराने के महाराजा हेमंत सिंह के साथ हुआ। वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह भी भाजपा से सांसद हैं।
 
राजनीतिक जीवन : किताबें पढ़ने, संगीत, घुड़सवारी, फ़ोटोग्राफ़ी और बागबानी का शौक रखने वाली वसुंधरा राजे सिंधिया को राजनीति विरासत में मिली है। राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत के निधन और जसवंत सिंह के विवादों में रहने के ‍बाद वसुंधरा राजे राजस्थान में बीजेपी की सशक्त चेहरा बनकर उभरीं। 
 
वसुंधरा राजे को 1984 में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। उनकी कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफ़ादारी के चलते 1998-1999 में अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश राज्यमंत्री बनाया गया। 
 
वसुंधरा राजे को अक्टूबर 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया। भैरोसिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें राजस्थान में भाजपा राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाकर भेजा गया। वसुंधरा राजे ने चुनावों के मद्देनज़र राजस्थान में परिवर्तन यात्रा निकाली और आम जनता से मिलीं। 
 
वसुंधरा राजे महिलाओं को लुभाने के लिए जिस इलाके में जातीं उसी इलाके की वेशभूषा पहनकर जाती थीं। परिवर्तन यात्रा के फलस्वरूप विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे भारी बहुमत के बल पर पार्टी को सत्ता में ले आईं। 1 दिसंबर, 2003 में वे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
 
वसुंधरा राजे ने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए 2007-2008 के बजट में शिक्षा, रोज़गार, बाल विवाह प्रथा पर रोक जैसे पांच सूत्री कार्यक्रम बनाए थे। वसुंधरा राजे 8 दिसंबर 2003 से 11 दिसंबर 2008 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं। 
 
देश जब 62वां स्‍वाधीनता पर्व मना रहा था उस दौरान राजस्‍थान में सर्वोच्‍च पद पर आसीन रहीं वसुंधरा राजे को आख़िरकार नेता प्रतिपक्ष से इस्‍तीफ़ा देने के लिए तैयार होना पड़ा, लेकिन इस्तीफ़ा देने वाली ये वसुंधरा पांच साल पहले वाली केंद्र से थोपी गईं वसुंधरा नहीं थीं।
 
अब वसुंधरा राजे के साथ विधायकों का बहुमत था और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावज़ूद विधायक उनके साथ बने रहे। वसुंधरा अब राजस्थान की एक कद्दावर नेता बन चुकी थीं और पार्टी के लिए उनसे पार पाना इतना आसान नहीं था। 
 
वसुंधरा चाहतीं तो पार्टी से बगावत करके अलग दल बना सकती थीं। 2007 में यूएनओ द्वारा वसुंधरा को महिला के लिए सशक्तीकरण के प्रयासों के लिए 'विमन टूगेदर अवॉर्ड' दिया गया। वसुंधरा राजे का रूतबा देखकर राजस्थान की जनता ही नहीं, बल्कि पक्ष-विपक्ष के नेता विधानसभा तक में उन्हें महारानी ही कहते थे। अपने राजशाही रहन-सहन के कारण कई बार वे आलोचनाओं की शिकार भी होती हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यूपी के बदायूं में नरेन्द्र मोदी की रैली