Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आप्रवासियों के सोशल मीडिया रिकॉर्ड की जांच 18 अक्टूबर से

हमें फॉलो करें आप्रवासियों के सोशल मीडिया रिकॉर्ड की जांच 18 अक्टूबर से
webdunia

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

# माय हैशटैग
अमेरिकी आप्रवासी विभाग ने घोषणा की थी कि वह विदेश से आकर अमेरिका में बसने वाले और अमेरिका में बसे विदेशी मूल के लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की पूरी पड़ताल करेगा। आगामी 18 अक्टूबर से यह जांच शुरू हो जाएगी। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सेक्युरिटी ने स्पष्ट किया है कि नई नीति के तहत यह जांच उन सभी लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स और सर्च रिजल्ट्स की की जाएगी, जो ग्रीन कार्डधारक है अथवा जिन्हें अमेरिका की नागरिकता मिली हुई है।
 
नई नीति के अनुसार फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि अकाउंट्स के साथ ही सर्च रिजल्ट पर आने वाले नतीजों की भी पड़ताल की जाएगी। गूगल सर्च में जाकर आप्रवासी का इतिहास जाना जाएगा और उसके रुझान जानने की कोशिश की जाएगी। नई नीति के अनुसार यह जांच 12 मुद्दों पर की जाएगी। अब तक अप्रवासियों के सामान आदि की ही जांच की जाती थी, लेकिन अब इस नीति से यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश होगी कि आप्रवासी किस तरह के इरादे रखते हैं।
 
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटी के अलावा अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन विभाग, अमेरिकी कस्टम विभाग और सीमा सुरक्षा विभाग भी इस तरह की जांच में सहयोग देंगे। नेशनल फाइल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिये रिकॉर्ड रखने की प्रक्रिया की जा रही है।
 
जिन 12 मुद्दों पर यह जांच होने वाली है, उसमें पांचवीं श्रेणी के अंतर्गत यह बात स्पष्ट की गई है कि आव्रजन विभाग जो रिकॉर्ड रखेगा, उसमें आव्रजन की राष्ट्रीयता उसके रहने का देश, यूएसीआईएस ऑनलाइन अकाउंट नंबर, सोशल मीडिया के तमाम खाते, सर्च रिजल्ट और अलियाज का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इस सबकी निगरानी के लिए अमेरिकी न्याय विभाग (जिसे डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस कहा जाता है) का एक वरिष्ठ अधिकारी भी तैनात किया जाएगा, जो आव्रजन संबंधी मामलों की अपीलों की सुनवाई कर सकेगा।
 
जांच का एक और महत्वपूर्ण मुद्दा आव्रजन करने वाले व्यक्ति के बारे में यह होगा कि उसकी सार्वजनिक छवि कैसी है? सरकारी कागजों पर उसे किस नाम से जाना जाता है, इंटरनेट पर उसने अपना नाम क्या रख रखा है? वह किन-किन संस्थाओं से संबद्ध है तथा उसकी व्यावसायिक गतिविधियां क्या है, उसकी आय के स्त्रोत क्या है, उसने कौन-कौन सी संपत्तियां अर्जित कर रखी है और वह कितना टैक्स अदा करता है? इसके अलावा अमेरिका ने चार अन्य देशों के साथ इन्फॉर्मेशन शेयरिंग एग्रीमेंट भी कर रखा है, जिसके तहत अमेरिका यह तमाम सूचनाएं और जानकारी ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ शेयर कर सकता है।
 
इस सबका मतलब यह हुआ कि अगर आप अमेरिका जाना चाहते है या जा रहे है, तो आपकी तमाम जानकारियां अमेरिकी आव्रजन विभाग के पास होगी। अगर आपने किसी अमेरिकी ग्रीन कार्ड होल्डर से शादी की है, तब आपका जीवनसाथी भी इस तरह की हर सूचना को उजागर करने के लिए बाध्य रहेगा। अमेरिकी अधिकारियों को लगता है कि इस तरह की ऐहतियातन कार्रवाई करके वह आतंकी गतिविधियों को अपने देश में नियंत्रित कर पाने में सफल होगा।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गांधी व्यक्ति नहीं शाश्वत विचारधारा है