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(चतुर्थी तिथि)
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महानवमी विशेष : आज दुर्गाजी को लगाएं ये भोग, होंगी मनोकामना पूर्ण

हमें फॉलो करें महानवमी विशेष : आज दुर्गाजी को लगाएं ये भोग, होंगी मनोकामना पूर्ण
आजकल मनमानी पूजा और मनमाने त्योहार बहुत प्रचलन में आ गए हैं। प्राचीन उत्सवों को फिल्मी लुक दे दिया गया है, जो कि धर्म-विरुद्ध कर्म है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस देवी-देवता को कौन-सा भोग चढ़ता है या किस चीज का प्रसाद चढ़ाएं जिससे कि वे प्रसन्न हो जाएं। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने की प्रसाद सामग्री और माता के भोग... 
 
ये है दुर्गाजी का नैवेद्य... 
 
दुर्गा भोग : माता दुर्गा को शक्ति की देवी माना गया है। दुर्गाजी को खीर, मालपुए, मीठा हलुआ, पूरणपोळी, केले, नारियल और मिष्ठान्न बहुत पसंद हैं। नवरात्रि के मौके पर उन्हें प्रतिदिन इसका भोग लगाने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है, खासकर माताजी को सभी तरह का हलुआ बहुत पसंद है।
 
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माता कालिका का प्रसाद...
 
कालिका का भोग : 10 महाविद्याओं में माता कालिका का प्रथम स्थान है। गूगल से धूप दीप देकर, नीले फूल चढ़ाकर काली माता को काली चुनरी अर्पित करें और फिर काजल, उड़द, नारियल और फल चढ़ाएं। कुछ लोग उनके समक्ष मदिरा अर्पित करते हैं। इसी तरह कालभैरव के मंदिर में मदिरा अर्पित की जाती है। 
 
माता कालिका और भगवान भैरवनाथ को लगभग एक जैसा ही भोग लगता है। हलुआ, पूरी और मदिरा उनके प्रिय भोग हैं। किसी अमावस्या के दिन काली या भैरव मंदिर में जाकर उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें। इसके अलावा इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं।
 
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सरस्वतीजी का भोग 
 
सरस्वती भोग : माता सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। ज्ञान कई तरह का होता है। स्मृतिदोष है तो ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान को व्यक्त करने की क्षमता नहीं है, तब भी ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान और योग्यता के बगैर जीवन में उन्नति संभव नहीं। अत: माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा होना जरूरी है।
 
माता सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू तथा धान का लावा पसंद है। सरस्वतीजी को यह किसी मंदिर में जाकर ‍अर्पित करना चाहिए, तो ही ज्ञान और योग्यता का विकास होगा।
 
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रामनवमी का भोग
 
राम भोग : भगवान श्रीरामजी को केसर भात, खीर, धनिए का भोग आदि पसंद हैं। इसके अलावा उनको कलाकंद, बर्फी, गुलाब जामुन का भोग भी प्रिय है।
 

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