Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इस महिला बाइकर पर है देश को गर्व

हमें फॉलो करें इस महिला बाइकर पर है देश को गर्व
, बुधवार, 13 दिसंबर 2017 (16:55 IST)
नई दिल्ली। हमारे देश में कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जिन पर देश को गर्व हो सकता है क्योंकि उनकी उपलब्धियों किसी पुरुष की तुलना में कहीं अधिक हैं। इन्हीं नामों की सूची में एक और नाम है और यह नाम है पल्लवी फौजदार का। पल्लवी फौजदार विश्व में एकमात्र ऐसी महिला हैं, जिन्होंने तीन सबसे ऊंचे और खतरनाक दर्रों को अपनी बाइक से नापा है।
 
एडवैंचर बाइकर पल्लवी फौजदार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली हैं और मौजूदा समय में वह नोएडा में रह रही हैं। वे एडवैंचर बाइकर के तौर पर सफलता की अनगिनत किस्से गढ़ चुकीं हैं। पल्लवी को साल 2015 में यूपी की ग्लोबल महिला का अवॉर्ड मिला और साल 2017 में महिला दिवस के मौके पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा इन्हें नारी शक्ति पुरस्कार-2016 से नवाजा था।
 
अपने बारे में बात करते हुए पल्लवी ने बताया कि जब वह छोटी थीं, उस समय अपने पिता के साथ बाइक बैठ कर जाया करती थीं। उस वक्त उन्हें लगता था कि जैसे उनका पूरा परिवार बाइक पर पीछे बैठा है और वे बाइक चला रही हैं। इस तरह से बाइक के प्रति उनका लगाव बढ़ता गया। उनका यह लगाव पता ही नहीं कब जुनून में बदल गया और खुद पल्लवी को भी इसका अहसास नहीं हुआ।
 
पल्लवी ने अभी तक 15 ऊंचे दर्रों को बाइक से पास किया है, जो लगभग 5000 मीटर से भी ज्यादा ऊंचे हैं। अभी हाल में ही उनकी सबसे बड़ी सफलता रही 19332 फीट की ऊंचाई वाले उमलिंग्ला दर्रे को पार करना। पल्लवी आम जिंदगी में भी लंबी दूरी के सफर पर बाइक से ही जाना पसंद करती हैं।
 
उन्होंने 20 सितंबर 2015 को दिल्ली के इंडिया गेट से एवेंजर बाइक से राइड शुरू की थी। वहां से बद्रीनाथ धाम से एक किलोमीटर आगे माना गांव पहुंचीं। यह देश का आखिरी गांव है। माना गांव से भी 55 किलोमीटर आगे माना पास पड़ता है। यह पूरा कच्चा रास्ता है। पल्लवी ने यह दूरी छह घंटे में तय की और 24 सितंबर को माना पास में दस्तक दी। 27 सितंबर को पल्लवी वापस दिल्ली लौटीं।
 
साल 2015 की जुलाई में पल्लवी ने दिल्ली के इंडिया गेट से बुलेट बाइक से लेह लद्दाख का सफर शुरू किया था। करीब चार हजार किलोमीटर का सफर उन्होंने 18 दिन में पूरा किया। रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड स्थान लाचंगलुंग ला, तंगलांग ला, खार्दुंग ला, वारी ला, चांग्ला ला, मरसिमिक ला, सताथो ला, काकसंग ला तक गई थीं।
 
दुनिया के सबसे ऊंची लेह लद्दाख के काक संगला की पहाड़ियों पर पताका फहराने वाली नोएडा की पल्लवी फौजदार ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। सितंबर 2015 में उन्होंने 18774 फुट ऊंचाई पर स्थित माना पास की बाइक से राइड पूरी की। इस कारनामे के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। 19 मार्च 2016 को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का सर्टिफिकेट उनके घर पहुंचा।
 
इसके अलावा पल्‍लवी फौजदार अपनी बाइक से विश्व की सबसे ऊंची फ्रेश वाटर लेक तक भी पहुंच चुकी हैं। साल 2015 में तिब्बत बॉर्डर तक भी बाइक से जा चुकी हैं जिसके लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एक साथ तीन मोर्चों पर लड़ते हैं सेना के जवान