Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

यूपी बोर्ड परीक्षाओं में क्यों है विदेशी छात्रों की दिलचस्पी...

हमें फॉलो करें यूपी बोर्ड परीक्षाओं में क्यों है विदेशी छात्रों की दिलचस्पी...
लखनऊ। , रविवार, 15 अप्रैल 2018 (11:41 IST)
फाइल फोटो
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश की परीक्षा में अप्रत्याशित संख्या में विदेशी छात्रों की क्या दिलचस्पी हो सकती है? प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने इसका चौंकाने वाला खुलासा करते हुए रविवार को बताया कि इस साल सख्ती के कारण इम्तेहान छोड़ने वाले 11 लाख छात्र-छात्राओं में दुबई, दोहा, कतर और नेपाल के 'परीक्षार्थी' भी शामिल हैं जिससे संकेत मिलता है कि प्रदेश में नकल का कारोबार कहां तक फैला था?
 
शर्मा ने बातचीत में बताया कि इस साल बोर्ड परीक्षाओं के दौरान सरकार की जबर्दस्त सख्ती के कारण लाखों छात्र-छात्राओं का परीक्षा छोड़ना खासा सुर्खियों में रहा। परीक्षा छोड़ने वालों के बारे में जानकारी का बारीकी से विश्लेषण करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 
 
उन्होंने हैरान करने वाला खुलासा करते हुए बताया कि इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडियट की परीक्षाओं में सख्ती के कारण इम्तेहान छोड़ने वाले 11 लाख छात्र-छात्राओं में 75 प्रतिशत तादाद दूसरे राज्यों और देशों के निवासियों की है। परीक्षा छोड़ने वालों में सऊदी अरब, दुबई, कतर, दोहा, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं। इससे जाहिर होता है कि यूपी बोर्ड में नकल माफिया के तार कहां-कहां तक फैले हैं? सरकार इस नेटवर्क को छिन्न-भिन्न करेगी।
 
राज्य के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग का जिम्मा भी संभाल रहे शर्मा ने बताया कि सरकार ने ठेका लेकर नकल के जरिए परीक्षा पास कराने वाले माफिया का खेल खत्म करने के लिए राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और स्थानीय अभिसूचना तंत्र का प्रभावी इस्तेमाल किया। भविष्य में भी परीक्षाओं को पूरी तरह नकलविहीन बनाने की सरकार की योजना के बारे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे नकल पर रोक लगाने में बहुत मदद मिली है।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10,000 से ज्यादा विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि की जरूरत होगी। सरकार के पास इतना बजट नहीं है। ऐसे में यह तय किया गया कि जिन स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और जिनकी चहारदीवारी दुरुस्त होने के साथ-साथ अन्य जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं, केवल उन्हीं को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
 
शर्मा ने आगामी परीक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगले साल बोर्ड परीक्षा के फॉर्म भरने वाले कक्षा 9 और कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों के लिए आधार कार्ड संलग्न करना अनिवार्य बना दिया गया है। इससे उनकी पहचान करने और भविष्य में नकल रोकने में मदद मिलने की उम्मीद है।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सभी मुमकिन रास्तों का अध्ययन किया है। अब दूसरे के नाम पर परीक्षा देने वाले या उत्तर पुस्तिकाएं बदलने  वाले तत्व अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंगे। मालूम हो कि इस साल 6 फरवरी से 12 मार्च तक हुईं यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए कुल 66 लाख 37 हजार 18 छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरा था। इन परीक्षाओं के परिणाम इस महीने के अंत में  घोषित होंगे।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी ताकि छात्र-छात्राएं उन्हें देखकर प्रेरणा लें और तैयारी करें। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मध्य अमेरिका में बर्फीले तूफान का कहर, 3 की मौत