हाल ही में एक के बाद एक कई ऐसे वीडियो, जिनमें सुरक्षाकर्मियों ने काम की परिस्थितियों को लेकर अपने ही विभाग और अधिकारियों को निशाने पर लिया था। लेकिन, अब एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें एक सैनिक ने नेता पर निशाना साधा है। इस सैनिक ने अपना गुस्सा दिखाने लिए अपने गांव में एक पोस्टर भी लगाया है।
पोस्टर के मुताबिक सैनिक का नाम लांस हवलदार रणजीत गावड़े है। गावड़े फिलहाल छुट्टी पर है और उन्होंने अपने गांव में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा समर्थित निर्दलीय एमएलसी प्रशांत परिचारक द्वारा कहे गए आपत्तिजनक शब्दों पर कड़ी नाराजगी जताई है। दरअसल, परिचारक ने कटाक्ष किया था कि सीमा पर तैनात जवान पिता बन जाने की खबर पाते ही मिठाइयां बांटते हैं, जबकि वे सालभर घर नहीं गए होते। एमएलसी का बयान परोक्ष रूप से सभी सैनिकों के सम्मान पर अपमानजनक टिप्पणी है।
हालांकि महाराष्ट्र विधानपरिषद के सभापति रामराजे निंबालकर ने परिचारक को 18 महीनों के लिए निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए 9 सदस्यीय पैनल का गठन किया। दूसरी ओर परिचारक ने भी बाद में अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी।
इस पूरे घटनाक्रम से नाराज जवान गावड़े ने किसी राजनेता या नौकरशाह का नाम लिए बगैर एक कविता लिखी और अपने गांव में एक बैनर लगाया है, जिनमें एमएलसी परिचारक के बयान पर नाराजगी दिखाई देती है। हालांकि गावड़े ने कहा कि इसका इसका भारतीय सेना या किसी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों और बयानों से सैनिकों को पहुंचा। गावड़े वीडियो और पोस्टर मराठी में है।
गावड़े के पोस्टर का शीर्षक 'मी कोण' अर्थान मैं कौन। गावड़े ने कहा है कि अगर मैं देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाऊं तो मेरी अंतिम इच्छा यह होगी कि ये राजनेता और नौकरशाह मेरे शव को न छुएं। उन्होंने साथी सैनिकों से भी अपील की है कि वे सामने आएं और भौंकने वाले कुत्तों को सबक सिखाना चाहते हैं तो एकजुट हो जाएं।