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श्रीलंकाई महिला ने सबरीमाला में पूजा की, केरल में हिंसा जारी

हमें फॉलो करें श्रीलंकाई महिला ने सबरीमाला में पूजा की, केरल में हिंसा जारी
, शनिवार, 5 जनवरी 2019 (09:17 IST)
सबरीमाला तिरुवनंतपुरम। श्रीलंका की 50 साल से कम उम्र की एक महिला शुक्रवार को यहां अयप्पा मंदिर में प्रवेश पाने में सफल रही। उधर राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं जारी हैं।


इससे एक दिन पहले भाजपा-आरएसएस तथा दक्षिणपंथी संगठनों की सत्तारुढ़ माकपा के साथ झड़पें हुई थीं। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी से रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं बिंदू (42) और कनकदुर्गा (44) के 2 जनवरी को प्रवेश के बाद मंदिर बंद करने तथा इसका शुद्धिकरण करने के उनके निर्णय के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कार्यालय में सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि 47 वर्ष की श्रीलंकाई महिला शशिकला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की। दरअसल इस महिला ने दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था और वह पूजा नहीं कर पाई।

पुलिस ने बाद में शशिकला और उनके पति सर्वणन के मंदिर में दर्शन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए। हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिए ‘पदीनेट्टमपदी’ (पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी।


तिरुवनंतपुरम के बाहरी क्षेत्र करेत्ते में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयन ने भाजपा और आरएसएस का उपहास किया और पूछा कि एक और महिला के सबरीमाला मंदिर में पूजा करने के बाद उन्होंने हड़ताल का आह्वान क्यों नहीं किया।

विजयन ने संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य की शांति एवं एकता को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। केरल में हिंसा की घटनाएं शुक्रवार को भी जारी रहीं और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर देसी बम तथा पत्थर फेंके।

पुलिस ने बताया कि मालाबार देवस्वओम (मंदिर प्रशासन) बोर्ड के सदस्य के. शशिकुमार के कोझिकोड में पेरम्ब्रा स्थित घर पर शुक्रवार तड़के देसी बम फेंके गए। उन्होंने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गए।

पुलिस ने बताया कि अब तक कम से कम 1718 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 1108 मामले दर्ज किए गए हैं। बृहस्पतिवार को हिन्दू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था। उन्होंने बताया कि इस वक्त 1009 लोग एहतियातन हिरासत में हैं। पुलिस ने कहा कि 132 पुलिसकर्मियों और 10 मीडियाकर्मियों सहित 174 लोग हिेंसा में घायल हुए हैं।

इस बीच शुक्रवार सुबह करीब छ: बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर कायल को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया। उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आई थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिए और ‘इरुमुदीकेट्टू’के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं। चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में काली साड़ी पहनकर सबरीमाला में पूजा की थी।
 
जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।

इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने 2 जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी। दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के एक दिन बाद गुरुवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से कुपित भगवा संगठनों के समर्थक प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और रोड़े बिछाकर सड़कें जाम कीं।

पुलिस ने बताया कि कन्नूर में देसी बम से हमले की चार घटनाएं दर्ज की गईं। राजनीतिक रूप से अस्थिर जिले में माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच लगातार संघर्ष होते रहे हैं। उन्होंने बताया कि कन्नूर में स्थानीय भाजपा के कार्यालय को बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया।

पथनमथिट्टा, कन्नूर, कोझिकोड और तिरुवनंतपुरम में सत्तारूढ़ माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले हुए और पथराव किया गया। देसी बम फेंकने और पथराव करने, छुटभैये समूहों के राज्य की सड़कों पर हंगामा करने, पुलिस और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ लड़ाइयों में कई लोग घायल हुए। इन प्रदर्शनों के दौरान छुरा घोंपने से भाजपा के तीन कार्यकर्ता भी घायल हुए।

हिंदुत्व समर्थक समूहों के मंच सबरीमाला कर्मा समिति और अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद (एएचपी) ने भगवान अयप्पा के मंदिर में दो रजस्वला महिलाओं के प्रवेश के विरोध में गुरुवार को हड़ताल का आह्वान किया। इस दौरान हुए प्रदर्शनों से राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के कारण चौतरफा विरोध प्रदर्शनों के बाद गुरुवार रात उत्तरी केरल में कासरगोड जिले के पलक्कड़ शहर और मंजेश्वरम तालुक में निषेधाज्ञा लागू की गई।

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