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रेल मंत्रालय ने की बड़ी कार्रवाई, 8 अफसरों पर गिरी गाज

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, रविवार, 20 अगस्त 2017 (22:14 IST)
नई दिल्ली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खतौली में कल शाम 18477 कलिंग उत्कल एक्सप्रेस की दुर्घटना पर रेल मंत्रालय ने अपने आठ अधिकारियों के विरुद्ध अब तक की सबसे कठोर कार्रवाई की है। रेलवे बोर्ड में सदस्य (इंजीनियरिंग), उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेज दिया गया है। 
              
रेल मंत्रालय ने उत्तर रेलवे के मुख्य ट्रैक इंजीनियर का तबादला करने के साथ साथ वरिष्ठ मंडल अभियंता सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। 
 
रेलवे बोर्ड में सदस्य (इंजीनियरिंग) आदित्य कुमार मित्तल, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आर एन कुलश्रेष्ठ और दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक आर एन सिंह को छुट्टी पर भेजा गया है। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एम सी चौहान को उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक का तथा रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक (टेलीकॉम) अंशुल गुप्ता को दिल्ली के डीआरएम का कार्यभार सौंपा गया है।
             
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उत्तर रेलवे के मुख्य ट्रैक अभियंता आलोक अंसल का तबादला कर दिया गया है जबकि दिल्ली के वरिष्ठ मंडल अभियंता आर के वर्मा, सहायक अभियंता मेरठ रोहित कुमार, वरिष्ठ खंड अभियंता मुज़फ्फरनगर इंदरजीत सिंह और कनिष्ठ अभियंता खतौली प्रदीप कुमार को निलंबित किया गया है।
               
रेलवे बोर्ड में सदस्य केन्द्र सरकार में पदेन सचिव होता है जिसे छुट्टी पर भेजा गया है। इस प्रकार से किसी रेल दुर्घटना के मामले में यह अब तक की कठोरतम कार्रवाई करते हुए रेलवे बोर्ड में शीर्षतम स्तर पर जवाबदेही तय की  गयी है। 
              
इस दुर्घटना में मानवीय लापरवाही के संकेत सामने आने के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने सुबह ट्वीट करके बताया था कि उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल को आज ही दुर्घटना की जिम्मेदारी तय करने को कहा था।  
 
उन्होंने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा था कि रेलवे बोर्ड द्वारा रेल परिचालन में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को आज ही आरंभिक सबूतों के आधार पर जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है।
             
कल शाम करीब पौने छह बजे हुई इस दुर्घटना में 23 यात्रियों के मरने की पुष्टि हुई है। हालांकि, एक यात्री के मेरठ अस्पताल में आज सुबह मृत्यु की सूचना मिली है। हादसे में सैकड़ों यात्री घायल हुए हैं, लेकिन रेलवे बोर्ड ने मृतकों की संख्या 20 और घायलों की संख्या 92 बताई है, जिनमें 22 यात्रियों की हालत गंभीर है। 
 
कल शाम दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कल रात ही दुर्घटनास्थल पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की थी।
               
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) का दावा है कि दुर्घटनास्थल पर रेल पटरी की मरम्मत का काम चल रहा था। मरम्मत के समय रेलगाड़ियों की रफ्तार उस स्थान पर धीमी हो जाती है, लेकिन कल दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की रफ्तार 105 किलोमीटर प्रति घंटे थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले उसी पटरी से दो रेलगाड़ियां गुजरी थीं, लेकिन उनकी रफ्तार धीमी थी।
            
कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे शाम 5 बजकर 46 मिनट पर पटरी से उतरे थे। दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन का एक डिब्बा रेल पटरी के पास स्थित एक मकान में घुस गया, जिसके मालिक को भी मामूली चोट आयी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 
           
सूत्रों के अनुसार रेलमार्ग से दुर्घटनाग्रस्त कोच हटा लिए गए हैं और पटरी भी करीब करीब बिछा दी गयी है। रात दस बजे तक दिल्ली-देहरादून रेल मार्ग पर यातायात बहाल होने की संभावना है। स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने घटनास्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया और रेल अधिकारियों से बातचीत कर राहत कार्यो की समीक्षा की। (वार्ता)

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