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करता कोई और है, मजे कोई और लेता है-राहुल गांधी

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, सोमवार, 11 जून 2018 (19:31 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हुनरमंदों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सुनते हैं और किसानों, पिछड़ों, कामगारों, श्रमिकों और युवाओं की समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं।
गांधी ने कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पिछड़े वर्ग के समुदाय की सबसे ज्यादा उपेक्षा की है। उन्हें उनका हक नहीं दिया गया है। मेहनत पिछड़ा वर्ग का किसान और हुनरमंद व्यक्ति करता है और उसके हुनर का फायदा कोई अन्य व्यक्ति उठा लेता है। यह भाजपा सरकार की नीति का हिस्सा बन चुका है।
  
मोदी सरकार ने कामगारों को नकारा : उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में कामगारों को नकारा गया है और उनके हुनर तथा कौशल को महत्व नहीं दिया गया है। हुनरमंदों को कमरे में बंद कर रखा जाता है और उसके हुनर का फायदा कोई दूसरा उठा रहा है। किसान और मजदूर दिनभर मेहनत करते हैं और फायदा उन 15-20 लोगों को मिलता है, जो भाजपा को मोदी रकम देते हैं। रणनीति साफ है कि पूरा का पूरा फायदा इन्हीं 15-20 लोगों को मिले। एक साल में मोदी सरकार ने उद्योगपतियों को 2.5 लाख करोड़ रुपए दिए हैं, लेकिन किसान को एक रुपया नहीं दिया और ना ही उनका कर्ज माफ होने वाला है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस हमेशा पिछड़ों के साथ खड़ी रही है। उनकी पार्टी का 70 साल का इतिहास है कि पिछड़ों को उसने पूरा सम्मान दिया है, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। 
 
गांधी ने देशभर से आए पिछड़ा वर्ग के लोगों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस उन्हें उनका पूरा हक देगी। उन्होंने कहा कि आपको थोड़ी सी जगह नहीं देंगे। आपका जो हक है कांग्रेस पार्टी आपका वह हक आपको पूरा देगी। हम पिछड़ा वर्ग को उनकी आबादी के हिसाब से लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में लाना चाहते हैं।         
           
मोदी सिर्फ आरएसएस की सुनते हैं : उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में आरएसएस के अलावा किसी और की नहीं सुनी जाती। यह बात खुद उसके सांसद कहते हैं कि उनकी बात नहीं सुनी जाती हैं। संसद परिसर में भाजपा के सांसदों ने उनसे कहा कि मोदी के समक्ष वे एक शब्द भी नही बोल सकते। मोदी सिर्फ आरएसएस की सुनते हैं और आरएसएस के अलावा वहां किसी अन्य का महत्व नहीं है। ओबीसी, किसान, आदिवासी या किसी अन्य की यहां नहीं सुनी जाती।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो स्थिति सामने है उसे देखते हुए लगता है कि एक तरह से देश भाजपा के दो-तीन नेताओं तथा आरएसएस का गुलाम बन गया है। सात-आठ माह बाद मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को समझ आ जाएगा कि हिंदुस्तान को तीन लोग नहीं बल्कि देश की जनता ही चला सकती है।
 
अब मोदी नहीं करते कौशल की बात : गांधी ने कहा कि आरंभ में मोदी कौशल विकास की बहुत बातें करते थे। उन्होंने दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने जैसे बड़े-बड़े वायदे किए थे। सरकार बनने के बाद इस पर ध्यान नहीं दिया और नतीजा हुआ कि आठ साल में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी हिन्दुस्तान में है। रोजगार के बड़े बड़े वादे करने वाले प्रधानमंत्री आज रोज़गार और स्किल की बात नहीं करते। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री कहते हैं कि यहां कौशल की कमी है। ये झूठ है। ओबीसी वर्ग में स्किल की कोई कमी नहीं है। उनमें हुनर भरा हुआ है लेकिन उनके हुनर का फायदा कोई और उठाता है।     
 
उन्होंने कहा कि हमारे यहां दर्जी बड़ा फैशन डिजाइनर होता है, लेकिन उसे पर्दे के पीछे रखा जाता है। उसके हुनर का लाभ दूसरे लोग लेते हैं। विदेशों में ऐसा नहीं है, इसलिए शिकंजी बनाने वाला कोका कोला कंपनी का मालिक बन जाता है और ढाबा चलाने वाला मैकडोनाल्ड का मालिक बनता है। मोटर मैकेनिक फोर्ड और होंडा जैसी बड़ी मोटर निर्माता कंपनियों के मालिक बन जाते हैं।

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