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राफेल सौदे की हो कैग ऑडिट की मांग, शौरी, सिन्हा और भूषण ने उठाए सवाल

हमें फॉलो करें राफेल सौदे की हो कैग ऑडिट की मांग, शौरी, सिन्हा और भूषण ने उठाए सवाल
नई दिल्ली , बुधवार, 8 अगस्त 2018 (20:37 IST)
नई दिल्ली। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पिछली सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने फ्रांस सरकार से लड़ाकू विमान राफेल के सौदे पर सवाल उठाते हुए तीन महीने के भीतर इसका नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से ऑडिट कराने की मांग की है। 
 
पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने शौरी और भूषण के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। हम जानते हैं कि लोकसभा का कार्यकाल कुछ महीने में समाप्त होने वाला है, इसलिए यह समिति काम नहीं कर पाएगी। इसलिए मेरा सुझाव है कि कैग इसका ऑडिट करे और तीन महीने में इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करे।
 
भूषण ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इस मामले में आपराधिक कदाचार में सीधे शामिल हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उद्योगपति अनिल अंबानी को बेवजह फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल सौदा अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। मोदी ने इसमें अपने पद का दुरुपयोग कर जिस तरह से राफेल बनाने वाली कंपनी और अंबानी को बेवजह फायदा पहुंचाया है, उससे सरकारी खजाने को 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
 
वरिष्ठ वकील ने आरोप लगाया कि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार का स्पष्ट मामला है। राफेल विमान बनाने वाली फ्रांस की डसाल्ट एविएशन ने अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को ऑफसेट साझीदार चुना है।
 
वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे शौरी ने कहा कि राफेल बड़ा घोटाला है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि यह नया सौदा है तो इसके लिए नए सिरे से टेंडर जारी किया जाना था। प्रधानमंत्री मोदी की कोर टीम को भी नहीं पता कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि राफेल की तुलना में बोफोर्स कुछ नहीं था। मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने उस मामले को कवर किया था।
 
शौरी ने श्री सिन्हा और भूषण के साथ मिलकर दावा किया कि अंबानी ने राफेल सौदे पर हस्ताक्षर से कुछ दिन पहले ही यह कंपनी बनाई। उन्होंने कहा कि एक ऐसी कंपनी जिस पर आठ हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और जिसे विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है, उसे हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की जगह ठेका दिया गया है। 
 
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के साथ मौजूदा संसद सत्र में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगाया था। (वार्ता)

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