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पासपोर्ट को लेकर सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला

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नई दिल्ली , मंगलवार, 22 अगस्त 2017 (07:25 IST)
नई दिल्ली। पासपोर्ट हासिल करने के लिए पुलिस द्वारा सत्यापन जल्द ही पुराने जमाने की बात होगी क्योंकि सरकार की योजना इस सेवा को अपराधों और अपराधियों के राष्ट्रीय ब्यौरे से जोड़ने की है। इस ब्यौरे से कम्प्यूटर के माउस के एक क्लिक पर आवेदकों की पृष्ठभूमि की जानकारी मिल सकेगी।
 
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम्स परियोजना (सीसीटीएनएस) को विदेश मंत्रालय की पासपेार्ट सेवा के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है और यह एक साल में पासपोर्ट आवेदकों का आनलाइन सत्यापन पुलिस द्वारा खुद जाकर सत्यापन करने की व्यवस्था की जगह लेगा।
 
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में पुलिस पहले से ही पासपोर्ट संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए सीसीटीएनएस का उपयोग कर रही है। पुलिस को आवेदक के पते पर जाने के लिए हाथ में पकड़े जा सकने वाले उपकरण दिए जाएंगे और उनकी जानकारियां नेटवर्क पर डाली जाएंगी। यह पुलिस से संपर्क को कम करेगा और समय घटाएगा।
 
महर्षि ने ये बातें ऐसे समय कहीं जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरु किया जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है।
 
सिंह ने कहा कि डिजिटल पुलिस पोर्टल नागरिकों को आनलाइन शिकायत पंजीकरण और पृष्ठभूमि सत्यापन का आग्रह जैसी सुविधाएं देगा।
 
उन्होंने पोर्टल शुरू करने के बाद कहा, 'पुलिस पोर्टल राज्य पुलिस और केन्द्रीय जांच एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय ब्यौरे से 11 ‘सर्च’ और 46 रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा। केन्द्रीय जांच एवं अनुसंधान एजेंसियों को अपराध आंकड़ों तक पहुंचने के लिए डिजिटल पुलिस ब्यौरे हेतु लाग इन भी उपलब्ध कराए हैं।'
 
गृह मंत्री ने कहा कि सीसीटीएनएस ने 15398 थानों में से 13775 को साफ्टवेयर में 100 प्रतिशत डेटा डालने का मौका दिया है।
 
उन्होंने कहा कि फिलहाल सीसीटीएनएस राष्ट्रीय ब्यौरे में अतीत और वर्तमान आपराधिक मामलों से जुड़े करीब सात करोड़ डेटा रिकार्ड हैं।
 
सिंह ने कहा कि सीसीटीएनएस परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार कारगर शासन’ के सपने को पूरा करने में मदद करेगी।
 
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सीसीटीएनएस पूरे राष्ट्रीय अपराध एवं अपराधी ब्यौरे पर पूरे भारत में खोजने में मदद करेगा और इस ब्यौरे तक देशभर में जांच अधिकारियों द्वारा पहुंचा जा सकता है।
 
सीसीटीएनएस परियोजना देशभर के करीब 15398 थानों और पांच हजार अतिरिक्त शीर्ष पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों को आपस में जोड़ेगा और सभी थानों में प्राथमिकी दर्ज होने, जांच तथा आरोपपत्र के संबंध में डेटा का डिजिटलीकरण करेगा। (भाषा) 

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