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महाराष्ट्र की सियासी महाभारत शरद पवार और अजित पवार के बीच शह-मात की लड़ाई

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विकास सिंह

, सोमवार, 3 जुलाई 2023 (12:20 IST)
महाराष्ट्र में सियासत में एक बार फिर चाचा और भतीजे के बीच शह-मात का खेल शुरु हो गया  है। रविवार दोपहर तक महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष रहने वाले एनसीपी नेता अजित पवार के दोपहर बाद  एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद सूबे की सियासत देखते ही देखते पलट गई है। अजित पवार के साथ एनसीपी के बड़े चेहरों में शामिल छगन भुजबल सहित आठ विधायक एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री बन गए। वहीं शरद पवार के विश्वस्त माने जाने वाले और एनपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ राजभवन में नजर आए। पार्टी से बगावत करने के साथ अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर भी दावा ठोंक दिया।

चाचा-भतीजे में शह-मात की लड़ाई-महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार के भाजपा के साथ जाने की अटकलें पिछले लंबे समय से चल रही थी। ऐसे में अजित पवार के कदम को महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों को लेकर कोई आश्चर्य नहीं है लेकिन पूरे घटनाक्रम को लेकर जिस तरह एनसीपी के मुखिया और संस्थापक शरद पवार ने जिस तरह से बेहद सधी प्रतिक्रिया दी उसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे है। हलांकि अब एनसीपी के ओर से विधानसभा स्पीकर को पार्टी से बगावत करने वाले 9 विधायकों को डिसक्वालीफाई करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिख दी है।

सतारा में शरद पवार का शक्ति प्रदर्शन- वहीं दूसरी शरद पवार आज जनता के बीच में आ गए है। शरद पवार अपने गढ़ सतारा में एक बड़ी रैली कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। सतारा में रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि हमारी विचारधारा सांप्रदायिकता और जातिवाद के खिलाफ है और जातिवाद की राजनीति महाराष्ट्र में नहीं चलेगी। शरद पवार ने कहा कि आज राज्यों में चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है, और पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में पूरे महाराष्ट्र को अपनी एकता दिखानी होगी।

इसके साथ शरद पवार ने बड़ी बात करते हुए कहा कि आज गुरु पूर्णिमा के दिन वह बड़ों का आशीर्वाद लेकर नई शुरुआत कर रहे है। इससे पहले शरद पवार ने रविवार को भी जनता के बीच जाने के साथ पार्टी को फिर से खड़ा करने की बात करते हुए नई लीडरशिप तैयार करने की बात कही थी।

अजित पवार के साथ कितने विधायक?-एनसीपी से बगावत कर भाजपा को समर्थन देने वाले अजित पवार एनसीपी विधायक दल के नेता थे और उन्होंने रविवार को कहा था कि पूरी पार्टी उनके साथ है। अजित पवार ने 35 विधायकों के समर्थन का दावा किया था, लेकिन आज दिन बदलने के साथ अजित पवार के खेमे की तस्वीर बदलने लगी है। आज अजित पवार के घर पार्टी विधायक दल की बैठक में सिर्फ 8 विधायक ही पहुंचे। ऐसे में सवाल है कि अजित पवार क्या इस बार भी बगावत में कामयाब हो गए या पहले की तरह उन्हें फिर मात मिलेगी।

दरअसल महाराष्ट्र में सत्ता की महाभारत में चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच  शह और मात का खेल कोई नया नहीं है। शह-मात की यह लड़ाई पिछले दिनों भी उस वक्त भी देखने को मिली थी जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार  ने अचानक से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का एलान कर दिया था लेकिन उन्होंने अध्यक्ष पद नहीं छोड़ा। 83 साल के चाचा शरद पवार के इस शह से भतीजे अजित पवार मात खा गए थे। वहीं इसके बाद शरद पवार ने अजित पवार में पार्टी में किनारे लगा दिया था और अपनी बेटी सुप्रिया सुले के हाथों में  एक तरह से पूरी पार्टी सौंप दी थी। इसके बाद अजित पवार के भाजपा के साथ जाने की अटकलें लगाई जा रही और यह अटकलें रविवार को उस वक्त सहीं साबित हो गई जब अजित पवार ने एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम के शपथ ले ली।


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