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नरेन्द्र मोदी का राहुल पर बड़ा हमला, उल्टा चोर चौकीदार को डांटे...

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, गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019 (18:34 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा की जा रहीं आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि उल्टा चोर चौकीदार को डांट रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 55 साल पर मेरे 55 महीने भारी हैं। गौरतलब है कि राहुल 'चौकीदार चोर है' का जुमला लगातार उछाल रहे हैं।
 
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए मोदी ने गुरुवार  आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार के 55 साल के कार्यों की तुलना अपनी सरकार के 55 महीनों के कामकाज से करते हुए गुरुवार को कहा कि कांग्रेस शासनकाल के साल सत्ताभोग वाले थे जबकि भाजपा की सरकार सेवाभाव वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहचान पारदर्शिता, ईमानदारी तथा भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने, जनता के लिए तेज गति से काम करने के रूप में बनी है।
 
मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल के सत्ताभोग के 55 साल और हमारे सेवाभाव के 55 महीने हैं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आप इतनी तैयारी करो कि 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारे पास समर्पण भाव है इसलिए 2 सीटों से यहां तक पहुंच गए और अभिमान के कारण आप (कांग्रेस) 44 रह गए।
 
मोदी ने सरकार के खिलाफ लगाए गए विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह चुनावी वर्ष है इसलिए हर किसी की कुछ न कुछ बोलने की मजबूरी भी है। यह सही है कि यहां से हमें जनता के बीच जाकर अपने काम का हिसाब देना होता है। मैं आप सभी को चुनावी मैदान में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए शुभकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव में नई पीढ़ी, खासकर पहली बार मतदाता बनने जा रहे युवा मतदाताओं की अहम भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि इस चुनाव में युवा पीढ़ी राष्ट्र को नई दिशा देने में मददगार साबित होगी।
 
मोदी ने सरकार की राह में आ रहीं बाधाओं के बावजूद विकास के मार्ग पर देश के अग्रसर होने का दावा करते हुए कहा कि चुनौतियों को चुनौती देना जिस देश का स्वभाव होता है वही देश आगे बढ़ता है। उन्होंने 55 साल के सत्ताभोग और 55 महीने की तुलना करते हुए कहा कि संप्रग के कार्यकाल में भारत जीडीपी के आधार पर 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और आज देश 6ठे पायदान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि स्टील उत्पादन, दूध उत्पादन में अव्वल और मोबाइल फोन निर्माण में भारत आज दुनिया में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने सरकार की आलोचना का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी और भाजपा की आलोचना करना ठीक है लेकिन ऐसा करते हुए देश की बुराई करना ठीक नहीं है। हमें यह सोचना होगा कि लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठ बोलना कितना अच्छा है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर सच सुनने की आदत खत्म होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उल्टा चोर चौकीदार को डांटे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने आपातकाल लगाया हो, सेना पर तख्तापलट का आरोप लगाया हो, योजना आयोग को जोकरों का समूह कहा हो, देश के मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग की साजिश रचकर न्यायपालिका को धमकाने की कोशिश की हो, राज्यों में चुनी हुईं कई सरकारों को बर्खास्त किया हो, वे हम पर संस्थाओं को तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं।
 
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संप्रग शासनकाल में कैबिनेट के एक फैसले से संबंधित दस्तावेज को फाड़े जाने की विगत में हुई घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि वो यह दिखाता है कि कांग्रेस हमारी संस्थाओं का कितना सम्मान करती है। जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें डरना ही होगा। ऐसे लोगों से लड़ने के लिए जिंदगी खपाई है। देश में चोर, लुटेरों का डर खत्म हो गया था, ऐसे लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए जनता ने मुझे बिठाया है।
 
विपक्ष के महागठबंधन की पहल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी गई। उन्होंने विपक्ष के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब तो महामिलावट आने वाली है। देश ने यह महामिलावट 30 साल देखी है। स्वस्थ समाज महामिलावट से दूर रहता है और मजबूत लोकतंत्र में भरोसा करता है।
 
सरकार की नीतियों एवं अर्थव्यवस्था के विस्तार से बड़े पैमाने पर हुआ रोजगार सृजन : रोजगार मुद्दे पर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार के शासनकाल में पिछले 55 माह में सरकार की नीतियों, आधारभूत ढांचे के विकास, परिवहन, पर्यटन क्षेत्र के विस्तार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तीव्र विकास कार्यों के कारण संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हुआ है।
 
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने दावों के समर्थन में भविष्यनिधि के नए खातों, नई पेंशन योजना में नए पंजीकरण, आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या के अलावा डॉक्टरों, चार्टर्ड एकाउंटेंट सहित अन्य पेशे से जुड़े लोगों की संख्या एवं उनके द्वारा दिए जाने वाले रोजगार का जिक्र किया। देश में परिवहन क्षेत्र बढ़ रहा है। लाखों की संख्या में कारें बिक रही हैं। बड़े पैमाने पर सड़कें बन रही हैं। आवासों का निर्माण हो रहा है। होटल उद्योग का विस्तार हो रहा है। पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए सवाल किया कि इतने क्षेत्रों के विस्तार होने के बाद क्या किसी को रोजगार नहीं मिल रहा है?
 
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से कांग्रेस सहित विपक्षी दल सरकार पर रोजगार को लेकर निशाना साधते रहे हैं और पूछते रहे हैं कि प्रतिवर्ष 1 करोड़ रोजगार देने के वादे का क्या हुआ? देश में रोजगार के आंकड़ों के संबंध में कोई मानक व्यवस्था नहीं होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 100 सेक्टरों में से 7-8 क्षेत्रों में ही आकलन होता है लेकिन आज परिदृश्य बदल गया है।
 
मोदी ने कहा कि देश में असंगठित क्षेत्र करीब 85 से 90 प्रतिशत रोजगार देता है। संगठित क्षेत्र 10 से 15 प्रतिशत ही रोजगार देता है। संगठित क्षेत्र में सितंबर 2017 से नवंबर 2018 तक करीब 15 महीने में 1.80 करोड़ लोगों ने पहली बार भविष्यनिधि (पीएफ) खाते में पैसा जमा करवाना शुरू किया। इनमें से 64 प्रतिशत लोग 28 साल से कम आयु के हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मार्च 2014 में करीब 65 लाख लोगों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) में पंजीकृत किया गया। पिछले साल अक्टूबर में यह संख्या बढ़कर 1 करोड़ 20 लाख हो गई। पिछले 4 साल में 6.35 लाख नए पेशेवर करदाताओं की सूची में जुड़े हैं। ये डॉक्टर, सीए तथा अन्य पेशेवर और भी नौकरियां देते होंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में परिवहन क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार देता है। बीते 4 वर्ष में लाखों लोगों ने वाहन खरीदे। एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में सवा करोड़ लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। मुद्रा योजना के तहत पहली बार कर्ज पाने वालों की संख्या सवा 4 करोड़ से ज्यादा है। इन्होंने भी रोजगार सृजित किए हैं। मेक इन इंडिया, मुद्रा योजना, स्टार्टअप आदि स्वरोजगार के स्तंभ हैं। सरकार ने देश के जवानों, नौजवानों के साथ किसानों की भी चिंता की है। (भाषा)

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