Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा

हमें फॉलो करें लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा
, शनिवार, 6 जनवरी 2018 (16:25 IST)
रांची। अविभाजित बिहार में अरबों रुपए के बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन वर्ष की कारावास और दस लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। 
 
विशेष न्यायाधीश शिवपालसिंह की अदालत ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी के नियमित मामले 64ए/96 में दोषी करार दिए गए यादव समेत 16 अभियुक्तों की सजा के बिंदुओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह सजा सुनाई है।
 
इस मामले में राजद अध्यक्ष को भारतीय दंड विधान की धारा 120बी, 420, 467, 471 एवं 477बी तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2), 13 (1) (सी) (डी) के तहत साढ़े तीन साल कारावास के साथ ही 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि नहीं देने पर उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
 
नीतीश और भाजपा को जनता देगी जवाब : लालू यादव को सजा की घोषणा के बाद बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नकारात्मक राजनीति कर रही है, जिसका परिणाम है कि राजद अध्यक्ष लालूप्रसाद यादव झूठे मामले में जेल में हैं, लेकिन प्रदेश की जनता वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इसका करारा जवाब देगी।
 
यादव ने यहां पार्टी की करीब चार घंटे तक चली अहम बैठक के बाद कहा कि विधानसभा के चुनाव में जनता ने जिसे वोट देकर चुना वे आज जेल में हैं और जिसे नहीं चुना वे सरकार चला रहे हैं। प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री कुमार और भाजपा की इस नकारात्मक राजनीति को बेहतर ढंग से समझ रही है और समय आने पर इसका करारा जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बदली हुई परिस्थिति में पार्टी पूरी तरह से एकजुट है और किसी तरह के संघर्ष के लिए तैयार है।
 
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि राजद अध्यक्ष के जेल जाने के बाद कुछ लोगों के पेट में इस बात को लेकर दर्द हो रहा है कि राजद का क्या होगा, लेकिन पार्टी पर जब भी संकट आया है तो कार्यकर्ता और नेता पूरी एकजुटता के साथ सामने आए हैं। कुछ लोग भले ही यादव के जेल जाने से खुश हो लेकिन उनके लिए 'काल अभी जन्मा है।' उन्होंने कहा कि पटना में पिछले वर्ष 27 अगस्त को पार्टी की रैली के बाद से ही भाजपा और स्वयंसेवक संघ को लगने लगा था कि अब बिहार में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गजब का टीवी, अब सुनेगा आपकी बात...