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केरल में भारी बारिश से तबाही, 26 की मौत, दर्जनों बांध खोले

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तिरूवनंतपुरम , गुरुवार, 9 अगस्त 2018 (20:46 IST)
तिरूवनंतपुरम। केरल में बुधवार रात से जारी भारी बारिश के कारण इडुक्की जिले और उत्तरी हिस्से में कई जगह भूस्खलन हुआ जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने स्थिति को काफी विकट करार दिया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रया बल को इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम जिले के प्रभावित इलाकों में राहत अभियान में प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैनात किया गया है।
 
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने कहा कि वर्षा जनित घटनाओं में 26 लोग मारे गए हैं जिनमें 17 की मौत इडुक्की और मलपुरम जिलों में भूस्खलन के कारण हुई है।
 
उफान पर नदियां, 24 बांध खोले : भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं जिस कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 24 बांधों को खोल दिया गया है। एशिया के सबसे बड़े अर्ध चंद्राकार बांध इडुक्की जलाशय से पानी छोड़े जाने से पहले रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
 
सरकार ने जारी किया अलर्ट : सरकार ने बताया कि राज्य में पिछले दो दिनों में दस हजार से अधिक लोगों को 157 राहत शिविरों में भेजा गया है। सरकार ने लोगों से कहा है कि राज्य के ऊपरी इलाकों और बांध वाले इलाकों में नहीं जाएं।
 
भारी बारिश के कारण कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो घंटे के लिए विमानों की लैंडिंग रोक दी गई। नजदीक स्थित पेरियार नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण हवाई अड्डा क्षेत्र में पानी भरने की आशंका थी। इडुक्की बांध की देखरेख करने वाले केरल राज्य बिजली बोर्ड (केएसईबी) ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा कि जलाशय के दरवाजे शुक्रवार सुबह छह बजे खोले जाएंगे और इसने निचले इलाके में रहने वाले लोगों से 'काफी सतर्क' रहने के लिए कहा है।
 
समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति काफी विकट है और राज्य के इतिहास में पहली बार 24 बांधों को एक साथ तब खोला गया है जब उनमें जल स्तर अधिकतम सीमा तक पहुंच गया है। इडुक्की जलाशय के चेरूथोनी बांध को 26 वर्षों के बाद खोला गया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि वायनाड जिले में तीन लोगों की जबकि कन्नूर, एर्नाकुलम और पलक्कड़ में दो-दो लोगों की मौत हुई है। इडुक्की जिले के आदिमाली शहर में मरने वाले वालों में एक ही परिवार के पांच सदस्य भी शामिल हैं।
 
विभिन्न जिला कलेक्टरों के साथ राहत कार्य में समन्वय करने के लिए सचिवालय में एक निगरानी केंद्र खोला गया है जो चौबीसों घंटे कार्य करेगा।
चित्र सौजन्य : सोशल मीडिया 
 

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