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कश्मीर में इस तरह टूटी आतंकवाद की कमर...

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर , सोमवार, 14 अगस्त 2017 (18:35 IST)
श्रीनगर। दावा तो यही है कि कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूट गई है क्योंकि सुरक्षाबलों ने पिछले 12 महीनों में जिन 6 शीर्ष आतंकी कमांडरों को ढेर किया है उसने आतंकियों का मनोबल तोड़ दिया है। सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि आतंकी बनने की चाह रखने वाले युवाओं के दिलों में भी डर पैदा कर दिया है।
 
कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए सेना व अन्य सुरक्षाबलों ने पिछले एक साल के दौरान आतंकियों के 6 शीर्ष कमांडरों को ढेर कर दिया है। शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में हिज्बुल कमांडर यासीन इट्टू को मार गिराया। यासीन के साथ मारे जाने वाला एक आतंकी उमर पुलवामा में स्थित इस्लामिक यूनिवर्सिटी में एमटेक का छात्र था और पिछले साल ही आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। यासीन सहित भारतीय सेना के जाबांज सैनिकों ने पिछले डेढ़ साल में लश्करे तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के छह बड़े कमांडरों को ढेर किया।
 
यासीन इट्टू : यासीन बडगाम जिले के चाडूरा का रहने वाला था। वह साल 1997 में आतंकी बना था। इट्टू हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ ऑपरेशनल कमांडर था। इट्टू को आतंकी बुरहान वानी का करीबी माना जाता था। बुरहान और जाकिर मूसा के बाद यासीन घाटी में हिज्बुल की आतंकी कार्रवाइयों को नेतृत्व कर रहा था। आतंकी जाकिर मूसा के अलकायदा में शामिल हो जाने के बाद हिज्बुल मुखिया सलाउद्दीन ने उसकी जगह यासीन को कमांडर बनाया था।
 
अबु दुजाना: इसी महीने की एक तारीख को सुरक्षाबलों ने पुलवामा में काकापोरा के हाकरीपोरा में मुठभेड़ में दुजाना और उसके साथी को मार गिराया था। आतंकी अबू कासिम की मौत के बाद अबु दुजाना को आतंकी संगठन लश्करे तैयबा का कमांडर नियुक्त किया गया था। कासिम जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठन लश्कर का टॉप कमांडर था।
 
दुजाना पर 15 लाख का इनाम था। सुरक्षाबलों को कई महीनों से इसकी तलाश थी। दक्षिण कश्मीर में कई हमलों को अंजाम दे चुके दुजाना का नाम उधमपुर हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी नावेद ने लिया था। दुजाना पीओके के गिलगिट बाल्टिस्तान का रहने वाला था।
 
बशीर लश्करी : इसी साल एक जुलाई को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में को सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर बशीर लश्करी समेत दो आतंकवादियों को मार गिराया था। घाटी में छह पुलिसकर्मियों की हत्या के पीछे लश्कर के इन्हीं आतंकवादियों का हाथ था। बशीर लश्करी 1999 में पीओके पार कर गया था। इसके ऊपर 10 लाख रुपए का इनाम भी था। 
 
जुनैद मट्टू : इसी साल 16 जून को जम्मू कश्मीर में कुलगाम के अरवानी में सुरक्षा बलों ने साझा ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार दिया था। इन आतंकियों में जुनैद मट्टू भी शामिल है। मट्टू कुलगाम में लश्कर का जिला कमांडर था। मट्टू के सिर पर 5 लाख का इनाम था।
 
सब्जार भट्ट : इसी साल 27 मई को दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिला के त्राल में मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के सबसे बड़े कमांडर सब्जार भट्ट को मार गिराया था। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जाकिर मूसा को कमांडर बनाया गया था, लेकिन मूसा के हिज्ब छोड़ने के बाद सब्जार को कमांडर बनाया गया था। बुरहान के बेहद करीब रहा भट्‍ट दक्षिण कश्मीर में काफी सक्रिय था। सब्जार मारे जा चुके आतंकी बुरहान वानी का काफी करीबी रह चुका है। वह बुरहान वानी के बचपन का दोस्त था।
 
बुरहान वानी : 8 जुलाई 2016 को सेना ने एक ऑपरेशन में वानी को मार गिराया था। बुरहान वानी मुजफ्फर वानी आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर था। वानी कश्मीर में त्राल की अच्छी और संपन्न परिवार से था। इसके पिता स्कूल प्रिन्सिपल थे। वानी 15 साल की उम्र में घर छोडक़र आतंकवादी बन गया था। वानी का बड़ा भाई खालिद मुजफ्फर भी कथित तौर पर आतंकवादी था जो पिछले साल सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया था।

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