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चुनाव मैदान में उतरने वालों को मिलेगी सुरक्षा, सरकारी कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन

हमें फॉलो करें चुनाव मैदान में उतरने वालों को मिलेगी सुरक्षा, सरकारी कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन

सुरेश डुग्गर

, मंगलवार, 25 सितम्बर 2018 (17:41 IST)
श्रीनगर। अलगाववादियों और आतंकियों के चुनाव बहिष्कार के फरमान से पैदा हुए हालात के बीच राज्य में हो रहे निकाय व पंचायत चुनावों में डयूटी देने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को राज्य सरकार ने एक माह का अतिरिक्त वेतन देने का ऐलान किया है।
 
राज्य के मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम ने बातचीत करते हुए कहा कि मतदान डयूटी देने वालों को एक माह का अतिरिक्त वेतन मिलेगा। उन्होंने कहा, चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मतदान में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, आतंकी चुनाव प्रक्रिया में खलल न डाल सकें, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
 
उन्होंने बताया कि श्रीनगर नगर निगम के चुनावों में हिस्सा लेने वाले प्रत्याशियों को श्रीनगर शहर में सुरक्षित आवास प्रदान करने के लिए विभिन्न होटलों में 300 कमरे बुक कराए गए हैं। इसी तरह के प्रबंध दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में चुनावों में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों के लिए किए जा रहे हैं।
 
सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य के शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायतों के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उसने पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं। राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सु्ब्रमण्यम ने बताया कि हमने इन चुनावों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं। पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के रूप में हमारे पास मौजूद सुरक्षाबलों के अतिरिक्त केंद्रीय बलों की 400 कंपनियां इन चुनावों के लिए तैनात की जाएंगी।
 
उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा मांगने वाले सभी उम्मीदवारों को सुरक्षा मुहैया कराएगी और उनके चुनाव प्रचार की भी व्यवस्था कराएगी। मुख्य सचिव ने कहा कि हमने घाटी में विभिन्न स्थानों पर रहने-ठहरने की व्यवस्था चाह रहे उम्मीदवारों के लिए इसके इंतजाम किए हैं।
 
चुनावों के बाद उम्मीदवारों को सुरक्षा मुहैया कराने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सुब्रमण्यम ने कहा कि हमारे पास चुनावों में जीतने वालों के लिए भी सुरक्षा योजना है, क्योंकि उन्हें ज्यादा जोखिम रहेगा। उन्होंने कहा कि क्लस्टरों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं, ताकि मतदान कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि चुनाव संपन्न कराने में शामिल सरकारी कर्मियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा। देश के किसी हिस्से में पहले ऐसा नहीं हुआ।
 
चुनावों में आतंकवादियों द्वारा चुनाव में हिस्सा लेने के खतरे पर सुब्रमण्यम ने कहा कि आतंकवाद है, लेकिन कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर उससे निपटा जा रहा है। खतरे तो हैं, पर हमें यकीन है कि हम इसे संभाल सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि घाटी में दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनावों का बहिष्कार किए जाने के मद्देनजर क्या चुनाव कराना ठीक है, इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों पर चुनाव थोपने का सवाल ही नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों में काफी उत्साह है। दो राष्ट्रीय पार्टियां (भाजपा और कांग्रेस) चुनावों में हिस्सा ले रही हैं। यदि आप जम्मू की तरफ जाएं तो आपको गलियों में चुनाव प्रचार देखने को मिलेगा। सुब्रमण्यम ने कहा कि आठ अक्‍टूबर को होने जा रहे शहरी स्थानीय निकायों के पहले चरण के चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों द्वारा 700 से ज्यादा फॉर्म लिए गए हैं।
 
इस बीच बांडीपोरा जिले में शरारती तत्वों ने एक पंचायत घर को आग लगा दी। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा होने के बाद से सरकारी इमारतों को आग लगाए जाने की यह आठवीं घटना है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अज्ञात शरारती तत्वों ने सोमवार को उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले के मात्रिगाम टीकरी में एक पंचायत घर को आग लगाने का प्रयास किया।
 
अधिकारी ने बताया कि आग के चलते इमारत के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही दमकल की गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। अधिकारी ने बताया कि राज्य में नगर निकाय एवं पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद से इस तरह की यह आठवीं घटना है जिसमें किसी पंचायत घर को आग लगा दी गई हो। उनके मुताबिक आग के हवाले की गई ज्यादातर इमारतें दक्षिण कश्मीर में हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने सभी घटनाओं में मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
 
अलगाववादी एवं आतंकवादियों ने लोगों को इन चुनावों से दूर रहने को कहा है। इन चुनावों का राज्य की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों- नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) एवं पीडीपी के साथ ही माकपा ने भी बहिष्कार किया है। इस हिंसा का बुरा असर चुनावों पर भी पड़ा है जो अक्टूबर एवं नवंबर में होने वाले हैं। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और घाटी के शीर्ष सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने चुनावों से पहले राज्य के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में सोमवार को एक बैठक में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।

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