Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

केरल को बाढ़ से मिली राहत, शुरू हो गया राजनीतिक घमासान

हमें फॉलो करें केरल को बाढ़ से मिली राहत, शुरू हो गया राजनीतिक घमासान
, गुरुवार, 23 अगस्त 2018 (08:53 IST)
तिरुवनंतपुरम। पिछले 100 वर्षों की सबसे भयावह बाढ़ से जूझ रहे केरल में स्थितियां अब सामान्य हो रही हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का अभियान लगभग समाप्ति की तरफ है, लेकिन इसी बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। केरल में विपक्षी दलों ने इसको 'मानव जनित आपदा' करार देते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।


कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ और भाजपा ने राज्य में सत्तारुढ़ वामपंथी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथाला ने कहा कि 'किन परिस्थितियों में प्रदेश में 44 बांधों के शटर्स को खोलने के आदेश दिए गए। हम इसकी न्यायिक जांच की मांग करते हैं। यह पूरी तरह से मानव जनित आपदा है।'

उन्होंने कहा कि ‘सरकार को यह अंदाजा ही नहीं था कि पाम्बा नदी पर बने 9 बांध, इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों में 11 बांध और त्रिशूर में चालाकुडी नदी पर बने 6 बांध खोले जाने पर कौन से इलाके डूब जाएंगे। कांग्रेस के नेता ने कहा कि वैसे तो इस बार 41.44 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है, लेकिन बाढ़ के जो हालात बने हैं, उनकी वजह बारिश नहीं बल्कि बिना किसी पूर्व चेतावनी के 44 बांधों के गेट खोलना था।

भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने इसके लिए पिनराई विजयन सरकार की अदूरदर्शिता को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि केरल राज्य बिजली बोर्ड (केएसईबी) के अध्यक्ष केपी श्रीधरन नायर ने आरोपों से इंकार किया और कहा कि बोर्ड की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। बांधों का प्रबंध केएसईबी के हाथों में है। उन्होंने कहा कि बांधों के गेट चेतावनी जारी करने के बाद ही खोले गए थे। उन्होंने कहा कि बांधों के गेट खोलने के लिए बोर्ड को दोष नहीं देना चाहिए, क्योंकि भारी बारिश के कारण ज्यादातर नदियां उफान पर थीं। (एजेंसियां)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बाढ़ में विदेशी सहायता से केंद्र का इंकार, केरल सरकार नाखुश