Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्‍या सीरम इंस्टीट्यूट की बढ़ेंगी मुश्‍किलें, दो परिवारों ने लगाए Covishield से अपने बच्‍चों की मौत के आरोप

हमें फॉलो करें क्‍या सीरम इंस्टीट्यूट की बढ़ेंगी मुश्‍किलें, दो परिवारों ने लगाए Covishield से अपने बच्‍चों की मौत के आरोप

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 2 मई 2024 (17:08 IST)
Two families accuse Covishield of causing death of their children: एस्ट्राजेनेका के ब्रिटेन कोर्ट में यह स्‍वीकारने के बाद कि उनकी वैक्‍सीन से कुछ मामलों में खून के थक्‍के जम सकते हैं, अब भारत में सीरम इंस्टीट्यूट पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक भारत के दो परिवारों ने सीरम इंस्टीट्यूट के खिलाफ केस दायर करने की तैयारी की है।

रिपोर्ट के मुताबिक वेणुगोपाल गोविंदन नाम के शख्‍स ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी करुण्या की जुलाई 2021 में कोवीशील्ड वैक्सीन लेने के एक महीने के बाद मौत हो गई थी। उन्‍होंने बेटी की मौत का आरोप लगाते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पर मुकदमा करने का फैसला किया है।

समिति को नहीं मिले सबूत : बता दें कि करुण्या की मौत मामले में परिवार की शिकायत पर सरकार ने राष्ट्रीय समिति का गठन किया था। हालांकि बाद में समिति ने निष्कर्ष निकाला था कि करुण्या की मौत का कारण वैक्सीन है इस बात के कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे। अब गोविंदन ने मुआवजे और अपनी बेटी की मौत की जांच के लिए स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड की नियुक्ति की मांग की है और इसके लिए एक याचिका दायर की है।

TTS से बेटी की मौत: इसी तरह से देश के एक और परिवार ने कहा है कि RTI में उनकी बेटी रितिका की मौत TTS की वजह से होना सामने आई थी। रितिका 18 साल की थी। उसकी मौत का TTS निकला था। रितिका ने मई में कोवीशील्ड की पहली डोज लगवाई थी। करीब 7 दिनों के भीतर रितिका को तेज बुखार हुआ, उल्‍टी हुई। जब MRI जां की गई तो पता चला कि रितिका को ब्रेन में ब्लड क्लोटिंग हुई और उसे ब्रेन हेमरेज हो गया था। दो हफ्ते बाद ही रितिका की मौत हो गई। रितिका के परिवार के मुताबिक बेटी की मौत की सही वजह जानने के लिए दिसंबर 2021 में उन्‍होंने RTI लगाई थी, जिसमें पता चला कि उसे थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हुआ था। बता दें कि TTS से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।

क्‍या कहा एस्ट्राजेनेका ने: बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के बनाए फॉर्मूले पर कोवीशील्ड बनाई है और एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में ब्रिटिश हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से कुछ मामलों में खून के थक्‍के जमने जैसे साइड इफैक्‍ट हो सकते हैं।
Edited by Navin Rangiyal


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

GST संग्रह और विनिर्माण के आंकड़ों से शेयर बाजार में लौटी तेजी, सेंसेक्स 128 अंक चढ़ा