Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

धर्म संसद में बड़ा ऐलान, 21 फरवरी को अयोध्या में रखेंगे राम मंदिर की नींव

हमें फॉलो करें धर्म संसद में बड़ा ऐलान, 21 फरवरी को अयोध्या में रखेंगे राम मंदिर की नींव
, बुधवार, 30 जनवरी 2019 (19:53 IST)
प्रयागराज। प्रयागराज में जारी संतों की धर्म संसद में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने घोषणा की है कि संत समाज के लोग 21 फरवरी को अयोध्या में राम  मंदिर की भूमि पूजन के साथ राम मंदिर की नींव रखी जाएगी और इसी के साथ मंदिर निर्माण का कार्य शुरु हो जाएगा। संतों का कहना है कि हर हाल में म‍ंदिर बनकर रहेगा फिर चाहे इसके लिए उन्हें जेल भी क्यों न जाना पड़े, मंदिर निर्माण का कार्य नहीं रुकेगा।
 
'परम धर्म संसद' ने न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर निराशा जताते हुए खेद व्यक्त किया कि राम के देश में राम जन्मभूमि के मुकदमे को न्याय नहीं मिल रहा है। राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रयागराज कुंभ में पिछले दो दिनों से परम धर्म संसद में की बैठक चल रही थी। बैठक के समापन पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि राम जन्मभूमि के लिए बलिदान देने का समय आ गया है।मंदिर के लिए शांति पूर्ण और अहिंसक आंदोलन चलाया जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी के बाद हम सब अयोध्या प्रस्थान करेंगे। अगर हमें रोका गया तो हमलोग गोली खाने के लिए भी तैयार हैं। परम संसद में कहा कि आज गली-गली में धर्म संसद हो रही है। गृहस्थ लोग धर्म संसद नहीं बुला सकते हैं। 21 फरवरी को सभी हिन्दू 4-4 के गुट में 4-4 शिला लेकर अयोध्या पहुंचे क्योंकि 4 लोगों पर धारा 144 नहीं लागू होती, 5 लोगों के झुंड पर धारा 144 लगती है। वहीं, नन्दा, जया, भद्रा, पूर्णा नाम की 4 शिलाएं शंकराचार्य को सौंपी गई। इन्हीं चार नाम की शिला लेकर 21 फरवरी को अयोध्या पहुंचने के लिए परम धर्म संसद ने सभी हिंदुओं का आह्वान किया।
 
अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में अटका पड़ा है। 29 जनवरी को इस मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन 5 जजों की बेंच में जस्टिस एसए बोबडे की गैर-मौजूदगी के चलते सुनवाई को टाल दिया गया। 
 
इससे पहले केंद्र ने मंगलवार को अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। एक नई याचिका में केन्द्र ने कहा कि उसने 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था।
 
याचिका में कहा गया कि राम जन्मभूमि न्यास (राम मंदिर निर्माण को प्रोत्साहन देने वाला ट्रस्ट) ने 1991 में अधिग्रहित अतिरिक्त भूमि को मूल मालिकों को  वापस दिए जाने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने पहले विवादित स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने 1991 में विवादित स्थल के पास की 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पीएम मोदी का दावा, नोटबंदी से हुआ यह बड़ा फायदा