Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आदित्यनाथ की उमा भारती से तुलना क्यों नहीं हो सकती?

हमें फॉलो करें आदित्यनाथ की उमा भारती से तुलना क्यों नहीं हो सकती?
, शनिवार, 18 मार्च 2017 (20:40 IST)
उत्तर प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती में एक बड़ी समानता है कि दोनों ही भगवाधारी संन्यासी हैं और राजनेता भी हैं। साथ ही दोनों की छवि कट्‍टरवादी हिन्दू नेता की भी हैं, मगर वर्तमान संदर्भों इन दोनों नेताओं की तुलना नहीं हो सकती। आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री बन गए हैं, हालांकि पार्टी ने राज्य मुख्‍यमंत्री के रूप में उनका चेहरा सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ा था। 
दूसरी ओर यदि उमा भारती की बात करें तो उमा ने जब दिग्विजय के खिलाफ मैदान संभाला था तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा का एकमात्र चेहरा वे ही थीं। साथ ही स्वाभाविक रूप से वे मुख्‍यमंत्री पद की भी दावेदार भी थीं। उन्होंने पूरी दबंगता से चुनाव लड़ा और सत्ता भी हासिल की, लेकिन जिस तरह से उन्होंने शासन किया कुर्सी उनके हाथ से निकल गई। 
 
अपनी सनक के लिए मशहूर उमा ने एक मुकदमे के चलते आवेश में मुख्‍यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ दी थी। साथ ही उनके निर्णयों के चलते राज्य में न सिर्फ खुद उमा की बल्कि पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचा था। ऐसा ही कुछ आदित्यनाथ को लेकर भी माना जा रहा है कि वे अपने फैसलों से पार्टी को मुश्किल में डाल सकते हैं। चूंकि उनकी छवि एक उग्र राजनेता की है साथ ही अपने बयानों के चलते वे विवादों में भी रहते हैं।
 
हालांकि मुख्‍यमंत्री पद के लिए नाम घोषित होने के बाद उन्होंने सिर्फ विकास की बात कही है, लेकिन फिलहाल पार्टी उनको लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। इसीलिए उन पर अंकुश बनाए रखने के लिए केशव मौर्य और दिनेश शर्मा को उनका सहयोगी बनाया गया है। यह बात उमा भारती के साथ नहीं थी। वे अपने बूते ही सब निर्णय लेती थीं, उन पर किसी का अंकुश नहीं था। अब योगी, उमा की तर्ज पर काम करेंगे या फिर अपनी नई शैली विकसित कर राज्य में विकास की गंगा बहाएंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इसलिए फिलहाल योगी की तुलना उमा भारती से करना उचित नहीं होगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ठाकुर, बामन और पिछड़े की त्रिवेणी चलाएगी उत्तर प्रदेश