नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर के बयान पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर एक्जिक्यूटिव फेल होती है या फिर सरकार फेल होती है तो जनता को बदलने का अधिकार है। पर संविधान में न्यायपालिका, कार्यपालिका और मीडिया के अधिकार और कर्तव्य की बात, सब कुछ कहा गया है।
गडकरी ने कहा कि फेलियर तो हर क्षेत्र में हो सकता है,लेकिन फेल होने पर ये नहीं है कि एक क्षेत्र दूसरे क्षेत्र में हस्तक्षेप करें। ये करना कितना उचित है? गडकरी ने कहा कि मैं सीजेआई का आदर करता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें मुद्दों पर बुलाकर चर्चा करनी चाहिए।
बता दें कि कल एक इंटरव्यू में जस्टिस ठाकुर ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का किसी भी संस्था के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। ठाकुर ने कहा कि न्यायपालिका में ऐसी कोई ख्वाहिश या कोशिश नहीं है कि हम हुकूमत का काम टेकओवर कर लें या हुकूमत की पॉलिसी को खुद तय करें। नेटवर्क18 से खास बातचीत में टीएस ठाकुर ने कहा कि लोग सरकारी मशीनरी से मायूस होकर कोर्ट आते हैं और सुप्रीम कोर्ट तब अपना धर्म निभाता है।
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लेकर टिप्पणी की थी लेकिन मुख्य न्यायधीश का कहना है कि आरोप लगाने की बजाय हुकूमत अपनी जिम्मेदार निभाए।