श्रीनगर। सरकार पैलेट गन की जगह अब कश्मीर में पावा शेल्स के इस्तेाल पर विचार कर रही है। पावा शेल मिर्ची के गोले हैं, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को श्रीनगर में कहा कि सरकार कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल और उस पर ऊपजे विवाद से वाकिफ है।
उन्होंने सीएम महबूबा मुफ्ती के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जल्द ही इसका विकल्प हमारे पास होगा, वहीं अब खबर है कि गृह मंत्रालय का एक एक्सपर्ट पैनल पैलेट गन की जगह पावा शेल्स के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।
घाटी में बीते 49 दिनों से जारी अशांति और हिंसा के दौर में पत्थरबाजी और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल पैलेट गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये छोटे-छोटे धातु के छर्रे होते हैं, जो शरीर में जाकर चुभ जाते हैं। इस ओर विवाद तब गहराया जब पैलेट गन से घायल कई लोगों के आंखों की रोशनी तक खोने की बात सामने आई।
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, गृह मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी मिर्ची के गोलों को धातु के छर्रे के विकल्प के तौर पर देख रही है। हालांकि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
बताया जाता है कि इन गोलों का निर्माण ग्वालियर में किया जाएगा। पावा गोले का एक साल से परीक्षण किया जा रहा है।