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भारत के युवा नेतृत्व से बात करके बराक ओबामा अभिभूत

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, शुक्रवार, 1 दिसंबर 2017 (20:44 IST)
नई दिल्ली से सिद्धार्थ राजहंस
 
देश की राजधानी दिल्ली में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार के दिन दो प्रमुख कार्यक्रमों में शिरकत की। राष्ट्रपति पद से निवृत्त होने के बाद ओबामा की यह पहली भारत यात्रा है, जो बेहद अविस्मरणीय साबित हुई। इस यात्रा से मेरी कई पुरानी यादें ताजा हो गईं और इस बार की उद्देश्यपूर्ण यात्रा तो ताउम्र याद रहेगी, जब मैं सीधे भारत के युवा नेतृत्व से बात कर रहा था। उनसे बात करके मैं काफी अभिभूत हुआ हूं।
 
दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली में ओबामा के दो प्रमुख कार्यक्रम थे। सुबह के सत्र में वे 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के लीडरशिप समिट में शामिल हुए जबकि दोपहर के सत्र में वे दिल्ली के टाउन हॉल में देश के यंग लीडर्स के साथ ओबामा फाउंडेशन के बारे में उन्होंने बातचीत की और युवाओं के प्रश्नों के बखूबी उत्तर दिए।
 
पहले ओबामा का पूरा दृष्टिकोण राजनीतिक हुआ करता था लेकिन अब उनका एजेंडा नागरिकों को कैसे जोड़ा जा सकता है और इसमें सरकार की क्या भूमिका हो सकती है? इस पर केंद्रित था। इसी कारण उन्होंने 'ओबामा फाउंडेशन' की शुरुआत की है। इसका एजेंडा 'सिटीजन इंगेजमेंट एंड गुड गवर्नेंस' है।
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बराक ओबामा सुबह हयात रीजेंसी दिल्ली में 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के 'लीडरशिप समिट' में शरीक हुए। इसके बाद दोपहर में उन्होंने दिल्ली के टाउन हॉल में युवाओं से ओबामा फाउंडेशन के बारे में बातचीत की। इसमें उन्होंने युवा नेतृत्व से बातें कीं और बताया कि ओमामा फाउंडेशन किस प्रकार से दुनियाभर के युवाओं को एक्टिविस्ट और गवर्नेंस के मुद्दों को उठाने की कला सिखा रहे हैं।
 
 
बराक ओबामा नए अवतार में : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इस यात्रा में मुझे बहुत ही गैरराजनैतिक पक्षधर दिखलाई दिए। वे राजनीतिक मुद्दों से दूरी बनाकर चल रहे थे और इससे उनका कोई लेना-देना नहीं लग रहा था। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों के जीवन में कैसे बदलाव आ सके, इस दिशा में ही उनकी पूरी सोच केंद्रित दिखी। 
 
यही नहीं, ओबामा बेहद सहज लगे और उन्होंने प्रोटोकॉल की चिंता न करते हुए सभी लोगों से खुलकर बात करने की कोशिश की। उनकी बातों को सुनकर यही लगा कि वे ये सब दिल से बोल रहे थे। बीच-बीच में हंसी-मजाक के मूड में भी दिखाई दिए ताकि वातावरण बोझिल न हो...!
 
 
आज सुबह भी 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के समिट में एक पत्रकार ने जब उनसे प्रधानमंत्री मोदी के प्रति या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वे इसे हंसकर टाल गए...। हालांकि इस दौरान उन्होंने हल्के अंदाज में नाम न लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर भी चुटकियां लीं, लेकिन यह गैरराजनीतिक ही थी।
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इसी कार्यक्रम में एंकर कह रहे थे कि ओबामा अब तक के सबसे लोकप्रिय अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, भारत और दुनियाभर में। इस पर बराक ओबामा ने मजाक में यह कहा कि 'ये बात वे अपनी बेटियों को बताना चाहेंगे, क्योंकि वो मेरी किसी भी बात को मजाक में लेते हैं। वे ऐसा मानते हैं कि मैं अब बूढ़ा होने लगा हूं।'
 
 
डोनाल्ड ट्रंप पर भी एक मजाक लेते हुए ओबामा ने कहा कि (बिना नाम लिए) जैसा हमारे मां-बाप ने कहा था कि बोलने से पहले सोचो, वैसा ही हम सबको ट्‍वीट करने से पहले सोचना चाहिए। उल्लेखनीय है कि ट्रंप अकसर बिना सोचे ट्‍वीट कर देते हैं। 
 
दोपहर में 'ओबामा फाउंडेशन' कार्यक्रम में बराक ओबामा का पूरा ध्यान इस पर केंद्रित था कि किस तरह युवा उनके फाउंडेशन से जुड़कर समाज और देश के विकास में अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं। (लेखक एप्पल के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर और हार्वर्ड यूनिवसिटी में मास्टर्स के छात्र हैं)

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