Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जेटली का पेट्रोल-डीजल पर शुल्क कटौती से इंकार, लोगों से कहा- ईमानदारी से करें कर का भुगतान

हमें फॉलो करें जेटली का पेट्रोल-डीजल पर शुल्क कटौती से इंकार, लोगों से कहा- ईमानदारी से करें कर का भुगतान
, सोमवार, 18 जून 2018 (17:40 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की संभावना को सोमवार को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी कदम नुकसानदायक हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे अपने हिस्से के करों का ईमानदारी से भुगतान करें जिससे कि पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व के स्रोत के रूप में निर्भरता कम हो सके।
 
एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने लिखा है कि सिर्फ वेतनभोगी वर्ग ही अपने हिस्से का कर अदा करता है जबकि ज्यादातर अन्य लोगों को अपने कर भुगतान के रिकॉर्ड को सुधारने की जरूरत है। यही वजह है कि भारत अभी तक एक कर अनुपालन वाला समाज नहीं बन पाया है।
 
जेटली ने कहा कि मेरी राजनीतिज्ञों और टिप्पणीकारों से अपील है कि गैर-तेल कर श्रेणी में अपवंचना रुकनी चाहिए। यदि लोग ईमानदारी से कर अदा करेंगे तो कराधान के लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा। बहरहाल, मध्य से दीर्घावधि में राजकोषीय गणित में कोई भी बदलाव प्रतिकूल साबित हो सकता है। 
 
उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल के दौरान केंद्र सरकार का कर-जीडीपी अनुपात 10 प्रतिशत से सुधरकर 11.5 प्रतिशत हो गया है। इसमें से करीब आधी (जीडीपी का 0.72 प्रतिशत) वृद्धि गैर-तेल कर जीडीपी अनुपात से हुई है। जेटली ने कहा कि गैर-तेल कर से जीडीपी अनुपात 2017-18 में 9.8 प्रतिशत था। यह 2007-08 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। उस साल हमारे राजस्व की स्थिति अनुकूल अंतरराष्ट्रीय वातावरण की वजह से सुधरी थी। 
 
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने राजकोषीय मजबूती और वृहद आर्थिक दायित्व व्यवहार को लेकर मजबूत प्रतिष्ठा कायम की है। राजकोषीय रूप से अनुशासन नहीं बरतने से अधिक कर्ज लेना पड़ता है जिससे ऋण की लागत बढ़ जाती है। जेटली ने कहा कि उपभोक्ताओं को राहत सिर्फ राजकोषीय रूप से जिम्मेदार और वित्तीय दृष्टि से मजबूत केंद्र सरकार और वे राज्य दे सकते हैं जिनको तेल कीमतों में असामान्य बढ़ोतरी की वजह से अतिरिक्त राजस्व मिल रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि नई प्रणाली में अनुपालन के ऊंचे स्तर के बावजूद गैर-तेल कर के मामले में भारत अभी भी कर अनुपालन वाला समाज नहीं बन पाया है। वेतनभोगी वर्ग कर अनुपालन वाला है। अन्य वर्गों को अभी इस बारे में अपना रिकॉर्ड सुधारने की जरूरत है। जेटली ने कहा कि ईमानदार करदाताओं को न केवल अपने हिस्से के करों का भुगतान करना पड़ता है बल्कि उन्होंने कर अपवंचना करने वालों के हिस्से की भी भरपाई करनी पड़ती है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नेपाली प्रधानमंत्री ओली की चीन यात्रा, होगी कई बड़े मुद्दों पर बातचीत