Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अमित शाह ने एनआरसी के मुद्दे को लेकर ममता, राहुल पर साधा निशाना

हमें फॉलो करें अमित शाह ने एनआरसी के मुद्दे को लेकर ममता, राहुल पर साधा निशाना
, शनिवार, 11 अगस्त 2018 (19:14 IST)
कोलकाता। असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विरोध करने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि दोनों नेताओं को इस बारे में रुख स्पष्ट करना चाहिए कि उनके लिए पहले देश है या वोटबैंक?
 
 
शाह ने कहा कि असम समझौता तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था और उस समय कांग्रेस को एनआरसी से कोई समस्या नहीं थी। वोटबैंक की राजनीति के कारण गांधी बांग्लादेश से घुसपैठ पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहे हैं।
 
ममता बनर्जी पर उन्हीं के शासन वाले राज्य में हमला बोलते हुए शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर बांग्लादेश से घुसपैठ और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया। भाजपा प्रमुख ने यहां खासी भीड़ वाली जनसभा को संबोधित करते हुए अपने भाषण की शुरुआत तृणमूल सरकार को बंगाल से उखाड़ फेंकने के नारे से की और कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वे राज्य के सभी जिलों का दौरा करेंगे।
 
शाह ने ममता से पूछा कि आप बांग्लादेशी घुसपैठियों को क्यों रखना चाहती हैं? आपको अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे (बनर्जी) वोटबैंक की राजनीति के कारण एनआरसी के खिलाफ है।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिए पूर्व की वामपंथी सरकार का वोटबैंक थे और अब वे टीएमसी का एक वोटबैंक बन गए है। राहुल गांधी और ममता दीदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण है या वोटबैंक? भाजपा के लिए देश पहले आता है।
 
शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर यह प्रपंच फैलाने का आरोप लगाया कि शरणार्थियों को देश से बाहर निकाला जाएगा। मैं सभी शरणार्थियों को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि उनके साथ कुछ नहीं होगा। भाजपा नीत केंद्र सरकार इस उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 लेकर आई थी। वर्ष 2016 में लोकसभा में पेश विधेयक में नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अवैध हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की गई है।
 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को इस बारे में रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वे विधेयक पर सहमत हैं या नहीं? शाह ने कहा कि कुछ लोग घुसपैठियों के मानवाधिकार की बात करते हैं लेकिन बंगाल के नागरिकों हिन्दू और मुस्लिमों के मानवाधिकारों का क्या होगा? उन्हें इस बारे में चिंता नहीं है।
 
बंगाल विरोधी भाजपा से बंगाल छोड़ने के लिए कहने वाले पोस्टरों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भाजपा न तो बंगाल विरोधी है और न ही बांग्ला विरोधी। वह तृणमूल कांग्रेस के कुशासन की विरोधी है। बंगाल से तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का आह्वान करते हुए शाह ने दावा किया कि पार्टी भ्रष्टाचार को संरक्षण देती है। उन्होंने सवाल किया कि 14वें वित्त आयोग द्वारा राज्य को मुहैया विशाल कोष कहां गया?
 
शाह ने कहा कि बंगाल की जनता ने कांग्रेस, कम्युनिस्टों और तृणमूल कांग्रेस को मौका दिया है लेकिन वे विकास करने में नाकाम रहे हैं। अब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मौका दीजिए। हम विकास लेकर आएंगे। तृणमूल कांग्रेस ने दुर्गा मूर्ति विसर्जन में बाधा पैदा करने का प्रयास किया। भाजपा के राज्य की सत्ता में आने पर दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा भव्य तरीके से मनाई जाएगी। जब तक बंगाल में भाजपा सत्ता में नहीं आती, हमारा विजय रथ नहीं रुकेगा। 
 
भाजपा प्रमुख ने दावा किया कि तृणमूल ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न भागों में टीवी समाचार चैनलों को बंद कर दिया ताकि लोग उनका संबोधन न सुन पाएं। उधर तृणमूल ने भाजपा अध्यक्ष शाह की रैली को फ्लॉप शो बताते हुए इस आरोप से इंकार किया कि उनकी जनसभा का टीवी कवरेज सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव के कारण बंद कर दिया गया।
 
तृणमूल ने एक बयान में कहा कि भाजपा ने बंगाल में एक और फ्लॉप शो किया। फ्लॉप जनसभा के बाद भाजपा बहाने बना रही है। वे कह रहे हैं कि उनकी जनसभा ब्लैक आउट कर दी गई। ब्लैक आउट और ब्लैकमेल करना भाजपा का काम है। मीडिया का अपमान मत कीजिए। सबने दिखाया। हम भाजपा को चुनौती देते हैं कि या तो वे इसे साबित करें या इस्तीफा दें। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मैच फिक्सिंग के मामले में 5 साल का बैन झेलने के बाद अशरफुल को वापसी की उ‍म्मीद