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26/11 मुंबई हमला : आतंकी कसाब से सिर्फ 10 फुट दूर खड़ा था यह शख्स, सुनाई उस भयानक रात की कहानी....

हमें फॉलो करें 26/11 मुंबई हमला : आतंकी कसाब से सिर्फ 10 फुट दूर खड़ा था यह शख्स, सुनाई उस भयानक रात की कहानी....
, सोमवार, 26 नवंबर 2018 (09:30 IST)
मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले की देश आज 10वीं बरसी मना रहा रहा है। अमेरिका ने इस हमले के गुनाहगार आतंकियों की सूचना देने पर 50 लाख डॉलर इनाम देने की घोषणा की है। आज भी इस हमले के साक्षी रहे लोग उन भयानक पलों को याद कर सिहर उठते हैं। 10 साल बाद भी उनके जख्मों का दर्द जाग उठता है।


कामा और अल्बलेस अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चौकीदार कैलाश घेगडमल आज भी वे पल याद करके सिहर उठते हैं जब आतंकवादी कसाब और उसके साथी ने उनसे महज 10 फुट की दूरी से दूसरे साथी गार्ड को गोलियों से छलनी कर दिया था।

इन आतंकवादियों ने पास ही बने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में 52 लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद इस अस्पताल का रुख किया था। कैलाश के मुताबिक साथी बब्बन वालू ने गोलियों की आवाज सुनने के बाद अस्पताल में लगे दरवाजों को बंद करने का काम तेजी से शुरू कर दिया, लेकिन वालू अंधाधुंध गोलियां बरसा रहे आतंकियों का निशाना बन गए। इससे वे घबराकर एक पेड़ के पीछे छुप गए और बमुश्किल 10 फुट की दूरी से उन्होंने इंसानी जिंदगियों को मौत बांट रहे कसाब को देखा।

कैलाश के मुताबिक इमारत का मुख्य द्वार खुला हुआ था और आतंकियों ने उस तरफ दौड़ लगा दी और वहां डंडा थामे दूसरे गार्ड भानु नारकर पर तड़ातड़ गोलियां बरसा दीं। उन्होंने कहा कि पहले लगा कि यह शायद गैंगवार का नतीजा है लेकिन जब नारकर को उनके सामने कसाब ने मार डाला तो लगा मामला कुछ और है।

अस्पताल परिसर में प्रवेश करने के बाद कसाब और उसके सहयोगी ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इससे कर्मचारी, मरीज और उनके रिश्तेदार बहुत डर गए। बाद में कैलाश हिम्मत दिखाते हुए पुलिस टीम को छठी मंजिल तक ले गए, जहां उनकी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसमें दो पुलिसकर्मी मारे गए और वह एवं आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते घायल हो गए।

नर्स मीनाक्षी मुसाले और अस्मिता चौधरी ने कहा कि उन्होंने फ्रिज, एक एक्सरे मशीन, दवा ट्रॉली और कुर्सियों का इस्तेमाल दूसरी मंजिल पर दरवाजा बंद करने के लिए किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी वहां घुस न सकें। रात्रि पर्यवेक्षक सुनंदा चव्हाण ने कहा, बच्चों और उनकी मां को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य था। हमने बच्चों को घायल होने से बचाने के लिए दीवार के समीप सभी पालने रख दिए। अस्पताल अधीक्षक अमिता जोशी ने बताया कि अब अस्पताल में सशस्त्र गार्ड हैं और निगरानी के लिए 67 सीसीटीवी लगाए गए हैं।

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