Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ट्रोल करने वालों के निशाने पर प्रणब मुखर्जी

हमें फॉलो करें ट्रोल करने वालों के निशाने पर प्रणब मुखर्जी

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

# माय हैशटैग
 
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाकर भाषण क्या दे डाला, प्रणब मुखर्जी को ट्रोल करने वाले सक्रिय हो गए। इसी बात की आशंका प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जताई थी। शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया था कि लोग भाषण भूल जाएंगे, लेकिन तस्वीरें जीवित रहेंगी।


7 जून की शाम प्रणब मुखर्जी भाषण देकर नागपुर से बाहर रवाना हुए ही होंगे कि प्रणब मुखर्जी के खिलाफ फोटोशॉप किए हुए फोटो सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए। इन तस्वीरों में प्रणब मुखर्जी को भी आरएसएस के ध्वज की वंदना करते संघ दक्ष की मुद्रा में दिखाया गया है। वास्तव में प्रणब मुखर्जी ने इस तरह भगवा झंडे को प्रणाम किया ही नहीं था। वे केवल अपनी जगह पर खड़े हुए थे। हां उनके साथ खड़े मोहन भागवत जरूर आरएसएस के ध्वज को नमन कर रहे थे।

प्रणब मुखर्जी की बेटी ने तत्काल इस तस्वीर को मूल तस्वीर के साथ ही ट्वीट किया और अपनी आशंका को दोहराया। उन्होंने लिखा कि मुझे जिस बात की आशंका थी, वहीं हो रहा है। राजनीतिक दलों की ट्रोल आर्मी किसी के भी पीछे पड़ जाती है और उसका मजाक उड़ाने लगती है। फेसबुक, टि्वटर और व्हॉट्सएप पर प्रणब मुखर्जी की फोटो के साथ ही भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की ब्लैक एंड व्हाइट एक तस्वीर भी वायरल की गई थी।

इस तस्वीर में नेहरूजी को हाफ पेंट, शर्ट और टोपी में दिखाया गया है और ये दावा किया गया कि नेहरूजी भी संघ की शाखाओं में जाते थे। ट्रोल करने वालों की भाषा नेहरूजी के प्रति बहुत ही निम्न स्तर की रही, जिसमें फोटोशॉप किए हुए फोटो के ऊपर लिखा था कि हमें अभी-अभी यह फोटो मिला है, जिसमें नेहरूजी आरएसएस की शाखा में खड़े हैं, अब यह भी बता दो कि क्या नेहरू भी भगवा आतंकी थे? क्यों सेक्यूलर जी?

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रशंसकों के बीच नेहरू के फोटो के साथ लिखा गया कि जिस आरएसएस से तुम घृणा करते हो, उसी की शाखा में आपके प्लेटब्वॉय नेहरू भी कभी आया करते थे, पर आशिक मिजाज मनचले भंवरे नेहरू यहां टिक न सके, क्योंकि यहां के नियम रसिक मिजाज चाचा को रास नहीं आए। जब पं. नेहरू की इन तस्वीरों की छानबीन की गई, तब पता चला कि यह तमाम तस्वीरें कांग्रेस सेवादल के कार्यक्रम की है।

पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1924 में कांग्रेस सेवादल के इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना 1925 में की गई थी। तस्वीरों में यह बात स्पष्ट है कि पं. नेहरू जिस तरह की कमीज पहने थे, उसी तरह की टोपी भी पहने हैं। टोपी और कमीज दोनों का रंग सफेद था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक की यूनिफार्म में काली टोपी शामिल थी, सफेद नहीं।

पं. नेहरू कांग्रेस सेवादल के सक्रिय कार्यकर्ता थे। आजादी के आंदोलन में वे कई बार जेल गए और करीब 7 वर्ष उन्होंने जेल में गुजारे थे। ट्रोल आर्मी के सदस्यों के लिए सच का कुछ भी महत्व नहीं है। दरअसल उनका काम ही अफवाहें फैलाना और दूसरे लोगों को बदनाम करना है। खास बात यह है कि पं. नेहरू के फोटोशॉप किए हुए जिन चित्रों को वायरल बनाने के लिए ट्रोलर प्रयत्न थे, उनमें बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख भी शामिल थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सोते समय सिर किधर रखें और पैर किधर, जानें 7 काम की बातें, नहीं तो होंगे परेशान