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गायत्री परिवार के प्रमुख के लिए परेशानी बना एक बयान

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

# माय हैशटैग
 
अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या के टि्वटर अकाउंट पर सबसे पहले एक उद्धरण लिखा हुआ है- बीता हुआ समय और कहे हुए शब्द कभी वापस नहीं बुलाए जा सकते। अब यही उद्धरण प्रणव पंड्या के लिए मुसीबत बन गया है। 27 जून को हरिद्वार स्थित गायत्री परिवार शांति कुंज में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह का भव्य स्वागत किया गया था। कार्यक्रम के बाद किसी पत्रकार ने उनसे पूछ लिया कि क्या अगर राहुल गांधी यहां आना चाहेंगे, तब उनका भी ऐसा ही स्वागत होगा?


जवाब में प्रणव पंड्या ने कहा था कि अगर राहुल गांधी चाहें, तो यहां बेशक आएं, लेकिन यहां उन्हें लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। जिस तरह अमित शाह का स्वागत किया गया है, वैसे स्वागत की अपेक्षा वे न करें। पत्रकार ने पूछा कि क्यों? पत्रकार शायद यह कहलवाना चाहता होगा कि राहुल गांधी की विचारधारा हमसे नहीं मिलती। पर ऐसा हुआ नहीं, प्रणव पंड्या ने कहा कि हमें राहुल गांधी की शक्ल पसंद नहीं, इसलिए हम उनका ऐसा स्वागत नहीं करेंगे।

पत्रकारों ने प्रणव पंड्या का बयान समाचार के रूप में जस का तस छाप दिया कि प्रणव पंड्या ने कहा है कि हमें राहुल गांधी की शक्ल पसंद नहीं। इस पर सोशल मीडिया में जमकर टिप्पणियां की गईं। सबसे ज्यादा टिप्पणियां तो खुद प्रणव पंड्या की शक्ल को लेकर की गई। इसके बाद प्रणव पंड्या की जुल्फों का नंबर आया।

सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा कि प्रणव पंड्या की शक्ल चार पैरों वाले एक प्राणी से मिलती-जुलती है। लोगों ने तरह-तरह के जानवरों के नाम भी गिनाए। कई लोगों ने लिखा कि प्रणव पंड्या को इस तरह की बातें करना शोभा नहीं देता।

कई लोग प्रणव पंड्या के प्रोफेशन को भी बीच में ले आए। उन्होंने लिखा कि प्रणव पंड्या हैं तो इन्दौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, लेकिन डॉक्टरी के पेशे को एक तरफ छोड़कर वे धर्म के नाम पर कारोबार करने में व्यस्त हैं। उनकी पढ़ाई पर सरकार ने लाखों रुपए खर्च किए होंगे, लेकिन वे समाज को क्या दे रहे हैं?

टि्वटर पर लोगों ने यह भी लिखा कि राहुल गांधी पर वंशवाद का आरोप भी प्रणव पंड्या नहीं लगा सकते, क्योंकि वे खुद भी वंशवाद की ही पैदाइश हैं। अगर वे गायत्री परिवार के प्रमुख श्रीराम शर्मा के दामाद नहीं होते, तो गायत्री परिवार में उन्हें कौन पूछता? प्रणव पंड्या श्रीराम शर्मा की बेटी शैलबाला के पति हैं, केवल इसीलिए वे कोई परम विद्वान नहीं हो गए।

राहुला गांधी पर कमेंट करने के पहले वे जरा यह भी सोच लेते कि क्या राहुल गांधी वास्तव में गायत्री परिवार में आना चाहते हैं? गायत्री परिवार के मुख्यालय शांति कुंज में गए लोगों ने यह भी लिखा कि अगर राहुल गांधी की शक्ल पसंद नहीं है, तो शांति कुंज में सहस्त्रबाहु जैसी तस्वीरें क्यों लगा रखी हैं पंड्या जी ने?

कुल मिलाकर प्रणव पंड्या के लिए अब अपना खुद का बयान ही परेशानी का कारण बन गया है। हो सकता है भविष्य में कभी कांग्रेस वापस सत्ता में आ जाए और उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़े। 

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