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फेसबुक अकाउंट खत्म करना हुआ आसान

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

#माय हैशटैग
 
कुछ अरसे से फेसबुक की बड़ी आलोचना की जा रही है कि उसने करोड़ों लोगों का डाटा इकट्ठा कर रखा है। इस डाटा की चोरी और दुरुपयोग से जुड़ी खबरें भी आए दिन उजागर होती रहती हैं। कई लोग फेसबुक से अपना अकाउंट डी-एक्टीवेट कर रहे हैं और कई लोग तो अपने अकाउंट को ही डिलीट कर रहे हैं।


फेसबुक में सुरक्षा संबंधी कई प्रावधान हैं जिसके माध्यम से यूजर अपनी गोपनीयता बनाए रख सकता है या गोपनीयता को सीमित कर सकता है। लेकिन फिर भी ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो फेसबुक से आजिज आ चुके हैं और मुक्त होना चाहते हैं। कई लोगों का यह भी आरोप है कि फेसबुक ने जानबूझकर अकाउंट का डिजाइन ही इस तरह बनाया है कि कोई भी यूजर लॉग-इन हो, तो उसका रिकॉर्ड फेसबुक के पास दर्ज हो जाता है।

इसके अलावा फेसबुक समय-समय पर आपके द्वारा दर्ज की गई सभी जानकारियां इकट्ठी कर लेता है। आपने क्या लाइक किया, कहा, कमेंट किया, किस पोस्ट को शेयर किया, कब फोटो शेयर किए, आपका बर्थ-डे कब है, आपकी नौकरी, शिक्षा आदि की तमाम जानकारियां, यहां तक कि आपके जीवनसाथी और परिवार के लोगों के बारे में भी फेसबुक पर जानकारी उपलब्ध है।

अब खतरा यह है कि कुछ कंपनियां फेसबुक अकाउंट में सेंध मारकर फेसबुक का बिग डाटा चुरा रही हैं या आरोप है कि फेसबुक उसका कुछ हिस्सा बेच रहा है। फेसबुक इस बात का खंडन करता है कि उसने कोई जानकारी किसी को बेची है, लेकिन फिर भी अनेक कारणों से विवाद तो होते ही रहते हैं। फेसबुक कभी यह नहीं कहता कि आपका अकाउंट फुल हो चुका है, अब आप उसमें पोस्ट शेयर नहीं कर सकते।

खुले दिल से वह हर पोस्ट स्वीकार करता है। इतना ही नहीं, वह अपने यूजर को पूरी स्वतंत्रता देता है कि वह अपनी निजी जानकारियां भी वहां पोस्ट कर सकता है। फेसबुक ने 5,000 फ्रेंड्स की सीमा जरूर रखी है, लेकिन फेसबुक पेज पर तो वह भी नहीं है। अमित शाह जैसे नेताओं के फेसबुक पेज पर 1 करोड़ से अधिक फॉलोअर हो चुके हैं। अब अनेक लोगों को लगता है कि उन्होंने फेसबुक पर सक्रिय होकर वक्त की बर्बादी की या अपनी गोपनीय जानकारियां उजागर कीं।

लाखों लोगों ने फेसबुक पर सक्रियता कम कर दी। उसके गोपनीय प्रावधानों का भी उपयोग करना शुरू कर दिया और फ्रेंड्स की संख्या भी सीमित कर दी। अप्रिय पोस्ट लिखने वालों को ब्लॉक करने का प्रचलन भी बढ़ गया है, लेकिन फिर भी ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है, जो फेसबुक छोड़कर जा रहे हैं। फेसबुक अपने यूजर को यह सुविधा दे रहा है कि वे चाहे तो अपना पूरा डाटा सेव भी कर सकते हैं।

यह डाटा यूजर भविष्य में कभी भी इस्तेमाल कर सकता है। ऐसी बहुत-सी तस्वीरें और कमेंट्स हो सकते हैं, जो यूजर के लिए भविष्य में उपयोगी हो सकते हैं। कई लोगों को लगता है कि फेसबुक किसी नशे की तरह आदी बना देता है, उसके चक्कर में जरूरी कामकाज नहीं हो पाते। ऐसे लोगों ने भी फेसबुक से छुट्टी पाने के तरीके सोच लिए हैं।

अनेक लोगों ने फेसबुक अकाउंट लॉगआउट किया और फेसबुक ऐप को अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट या मोबाइल से डिलीट कर दिया। कई लोगों ने यह तरीका भी अपना लिया है कि अपना अकाउंट डिलीट करने की बजाय, उसे डी-एक्टीवेट करना उचित समझा। फेसबुक पर अपना डी-एक्टीवेट करने के लिए उसका यूजर लगभग वैसी ही प्रक्रिया से गुजरता है, जैसी अकाउंट शुरू करते वक्त गुजरा था।

कई बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों की निगरानी, फेसबुक अकाउंट के माध्यम से करती हैं। इसके साथ ही कई पूर्व प्रेमी-प्रेमिकाओं से भी एक-दूसरे की जासूसी के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। अपने अकाउंट को डी-एक्टीवेट करने के लिए आप फेसबुक की सेटिंग पर जाकर मैनेज युअर अकाउंट के तहत तमाम जानकारियां डी-एक्टीवेट कर सकते हैं। फेसबुक आपसे पूछता है कि क्या आप सचमुच अपना अकाउंट डी-एक्टीवेट करना चाहते हैं?

यह इसलिए ताकि कोई जल्दबाजी में ऐसा न करें। अकाउंट डी-एक्टीवेशन का काम सोच-समझकर किया गया हो। फेसबुक एक सर्वे का फॉर्म भी भरवाता है जिसमें पूछता है कि आखिर आप फेसबुक से कुट्टी क्यों करना चाहते हैं? फेसबुक से अलग होने वाले लोगों के लिए यही सलाह है कि वे सोच-समझकर अपना अकाउंट डी-एक्टीवेट करें, क्योंकि कई बार आपके पुराने मित्र आपको फेसबुक पर खोजते रहते हैं। ऐसे में आप उन मित्रों से नहीं मिल पाएंगे। फेसबुक के एक पूर्व यूजर ने अपना अकाउंट डी-एक्टीवेट करते हुए अनुभव साझा किया है कि फेसबुक से जुड़ने के बाद वह धीरे-धीरे अलग-अलग ऐप से आपको जोड़ता रहता है, जैसे मैसेंजर आदि।

जब मैंने फेसबुक डी-एक्टीवेट किया, तब मेरा नाम 82 एप्स से लिंक था। आप अंदाज लगा सकते हैं कि आपकी जानकारी कितनी गोपनीय होगी? फेसबुक अपने सभी यूजर को डाउनलोड ए कॉपी यूवर फेसबुक डाटा का ऑप्शन भी देता है जिसका कि उपयोग करके आप अपना फेसबुक डाटा सेव कर सकें। इसके बाद आप फेसबुक से बाय-बाय कर सकते हैं। आप चाहे तो श्मशान या कब्रिस्तान तक फेसबुक से जुड़े रहें और चाहे तो आज और अभी मुक्ति पा लें।

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